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राष्ट्रीय शिक्षा नीति की केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य ने गिनाई खुबिया

*केंद्रीय विद्यालय चित्रकूट प्राचार्य
राष्ट्रीय शिक्षा नीति की गिनाई खुबिया*

चित्रकूट। केंद्रीय विद्यालय चित्रकूट में गुरुवार को राष्ट्रीय नीति 2020 के तीन साल पुरे होने पर तीसरी वर्षगांठ के उपलक्ष में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया. वार्ता मे नवोदय विद्यालय मानिकपुर के प्राचार्य आलोक त्रिपाठी, अशोक पब्लिक स्कूल खोह के प्रधानाचार्य के.पी. शुक्ला, सुषमा स्वरुप इंटरनेशनल स्कूल की प्रधानाचार्य नीतू, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य पुष्पा वर्मा उपस्थित रही, कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य विनोद कुमार ने पीपीटी, वीडियो एवं फोटो के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा

प्रेस संवाद करते शिक्षक

नीति 2020 को विस्तार से बताया,राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, 29 जुलाई 2020 को
लागू हुई. जिसका उद्देस्य शिक्षा के स्तर मे सुधार करते हुए
21वीं सदी मे भारत को विश्वगुरु और आत्मनिर्भर बनाना है. जिसको समस्त केंद्रीय विद्यालयों मे लागु कर दिया गया है। पुराने पाठक्रम मे हुए बदलाव को भी उन्होंने रेखांकित किया जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत लागु भी कर दिया गया है, यह भी बताया गया की प्रत्येक छात्र की अनूठी क्षमताओं को सामने लाना, रटकर सीखने के बजाय आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देना, अध्ययन
के बजाय सीखने पर ध्यान केंद्रित करे , बैज्ञानिक स्वभाव को
प्रोत्साहित करें। 21वी सदी के भारत आत्मनिर्भर भारत के लिए नीति विशिष्ट क्षमताओं को सामने लाना. रटकर सीखने की बजाय, समझकर पढ़ने की प्रवत्ति पर बल देना है, एन.ई.पी. की सिफारिस से अब 6 वर्ष की आयु तक के बच्चे प्रवेश ले सकते है साथ ही यह भी बताया की राष्ट्रीय पाठ्यक्रम के रूप शिक्षण सामग्री, सीसीए गतिविधियां, एनसीसी, स्काउट गाइड,प्रातः कालीन सभा व प्रतिभा प्रोत्साहन पुरस्कार स्किल को अपनाना, ई विद्या पोर्टल मे उपलब्ध शिक्षण सामग्री की सहायता से बिद्यार्थियों के शिक्षण प्रशिक्षण को आसान तरीके से सीखने मे मदद मिलेगी। निपुण भारत के उदेश्यओं के बारे में भी वार्ता की गई। विद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियाकलाप के विषय में बताया।
कार्यक्रम मे मुख्य रूप से अलोक श्रीवास्तव, आर के मौर्या, समीर शुक्ला, बद्रीश शुक्ला, पी. एन. तिवारी, अवधेश पाल, अंशुमान सिँह, सी. पी. द्विवेदी, विनय पाण्डेय, मनीष त्रिपाठी, अजय पाल सिंह आदि उपस्थित रहे।

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