चंड़ीगढ़। मुख्तार अंसारी जब रोपड़ जेल में था तो उनके सामने पूरा जेल प्रशासन और सरकारी तंत्र नतमस्तक हो चुका था। जेल के अंदर मुख्तार अंसारी को वीवीआईपी ट्रीटमेंट दिया जाता था और मुख्तार अंसारी जेल में कम बल्कि ऑफिसर्स क्वार्टर्स में ज्यादा रहता था। मुख्तार अंसारी की पत्नी भी सुबह 9ः00 बजे जेल पहुंचती थी और रात को 10ः00 बजे जेल से बाहर आती थीं। पंजाब के जेल मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने पूरी रिपोर्ट मुख्यमंत्री भगवंत मान को सौंप दी है। मान ने एक हाई लेवल कमेटी बना दी है जो मुख्तार अंसारी को वीवीआईपी ट्रीटमेंट दिए जाने के मामले में तमाम पहलुओं की जांच कर रही है। जल्द ही तत्कालीन सरकार के जेल मंत्री और महकमे के अन्य कई बड़े अफसरों पर कार्यवाही की जा सकती है।
बता दें, पंजाब के मोहाली में एक रंगदारी मांगने की एफआईआर दर्ज करके गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को पंजाब लाया गया था। उसे ं करीब 2 साल 3 महीने तक रोपड़ जेल में रखा गया। इस दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस के द्वारा 26 बार प्रोडक्शन वारंट हासिल करके मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश ले जाने की कोशिश की गई, लेकिन पंजाब सरकार ने मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश पुलिस को नहीं सौंपा। बाद में सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस को मुख्तार अंसारी की कस्टडी मिली। तब से मुख्तार अंसारी यूपी की बांदा जेल में बंद है।
जब मुख्तार अंसारी पंजाब की जेल में बंद था, तब उसे वीवीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया। तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब के तत्कालीन जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा पर मुख्तार अंसारी के परिवार से नजदीकियां की खबरें आया करती थीं। उनकी शह पर ही मुख्तार अंसारी को जेल में वीवीआईपी ट्रीटमेंट देने के आरोप कई बार लगते रहे। पंजाब के जेल मंत्री हरजोत सिंह बैस ने तो ये तक दावा किया है कि इस कार्रवाई से राष्ट्रीय स्तर तक इस मामले की गूंज जाएगी और सबके सामने आ जाएगा कि कैसे एक पूरा सरकारी तंत्र मुख्तार अंसारी जैसे गैंगस्टर के सामने नतमस्तक हो गया था।
कुख्यात गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को रोपड़ जेल में वीवीआईपी सुविधाएं मुहैया कराने के मामले में पूर्व जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा की मुश्किल बढ़ सकती है। राज्य के जेल मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने इस संबंध में मुख्यमंत्री भगवंत मान को सौंपी रिपोर्ट में पूर्व जेल मंत्री के अलावा जेल विभाग के कई आला अफसरों के अलावा दिल्ली से सियासी सांठगांठ की बात कही है। सूत्रों की मानें तो रिपोर्ट में बताया गया है कि दिल्ली में बैठे नेताओं के इशारे पर पंजाब की सरकार मुख्तार को हर सुविधा मुहैया करा रही थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि मुख्तार के गुर्गे जेल के आसपास बने मकानों में किराए पर रहते थे।
पूर्व जेल मंत्री सुखजिंदर रंधावा ने इस आरोप पर बैंस को सदन में चुनौती दी थी कि अंसारी की पत्नी जेल में रहती थी, मंत्री इसे साबित करके दिखाएं। तब मंत्री बैंस ने जांच के बाद सच बाहर आने का दावा किया था। बैंस ने सदन में खुलासा किया था कि अंसारी को फर्जी एफआईआर दर्ज करके 2 साल, तीन महीने तक पंजाब की जेल में रखा गया जबकि उसे प्रोडक्शन वारंट पर लेने के लिए यूपी सरकार ने 26 बार कोशिश की, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। इस तरह पंजाब की कांग्रेस सरकार ने अंसारी को यूपी पुलिस और सरकार से बचाए रखा।