जालंधर। आपने जुड़वा भाई-बहन के बारे में सुना होगा, लेकिन पंजाब के जलांघर शहर में अजब-गजब का मामला सामने आया है। यहां पढ़ने वाले 76 बच्चों की शक्ला एक-दूसरे से हूबहू मिलती है। जिसके कारण प्रिंसिपल, टीचर्स और अभिभावक हरदिन परेशान होते हैं। इस स्कूल में ऐसे कई छात्र हैं जिनके बीच अंतर कर पाना भी मुश्किल हो जाता है। कुछ बच्चों ने कहा कि चेहरा एक जैसा होने की वजह से गलती किसी और की होने पर भी हमें कड़ी सजा दी जाती है।
जलांधर के डीएवी स्कूल 76 ऐसे छात्र-छात्राएं हैं, जिनकी शक्ल एक दूसरे से मिलती है। यही वजह है कि उस स्कूल में कई बार एक छात्र के शैतानी करने पर उसके जैसे दिखने वाले दूसरे छात्र को उसकी सजा मिल जाती है। इसमें से सिर्फ तीन जोड़े ही जुड़वां भाई-भाई या भाई-बहन या फिर बहन-बहन हैं। प्रिंसिपल रश्मि विज ने कहा कि उन्हें कई बार शिक्षकों की ओर से शिकायत मिली थी कि उन्होंने कुछ बच्चों को डांटा था, लेकिन जब उन्हें पता चला कि जिस बच्चे को उन्होंने डांटा था, वह उनका जुड़वां नहीं था, तो उन्हें बहुत आश्चर्य हुआ।
स्कूल की प्रिंसिपल रश्मि विज ने बताया कि स्कूल में 76 बच्चों की शक्ल आपस में मिलती हैं। उन्होंने कहा कि अब वो इस चीज को लेकर अपने स्कूल का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज करवाएंगी। स्कूल की प्रिंसिपल ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि, कुछ दिन पहले एक छात्र ने शैतानी की। शिकायत हमारे पास आई। हम क्लासरूम में गए और दूसरे छात्र को डांटा। जबकि, वह छात्र बार-बार कह रहा था कि, मैडम जी हमने कोई शैतानी नहीं की है।
डीएवी स्कूल में 5700 विद्यार्थी नर्सरी से लेकर 12वीं तक पढ़ते हैं। पहली बार स्कूल के सभी विद्यार्थियों को एक साथ इकट्ठा किया गया। तब जाकर ही शिक्षकों सहित प्रबंधकों को अपने स्कूल में जुड़वा बच्चों की संख्या के बारे में पता चला। सोशल मीडिया पर ये खबर तेजी से फैल रही है, जिसके बाद से अभिभावक भी स्कूल में अपने बच्चे के दाखिले को लेकर प्राथमिकता देने के लिए आगे आ रहे हैं। स्कूल की टीचर्स बताते हैं कि, अब छात्र-छात्राओं की पहचान आईकार्ड के जरिए की जाती है। बच्चों के माता-पिता भी इस अद्भुत रहस्य से हैरान हैं।