बिहार: बिहार के बक्सर में किसानों पर लाठीचार्ज और रामचरित मानस ( Ramcharit Manas) पर विवादित बयान पर विपक्ष नीतीश सरकार पर हमलावर है। रामचरित मानस पर विवादित बयान देकर बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर सिंह ( Chandrashekhar Singh) बीजेपी के निशाने पर आ गए हैं। केंद्रीय मंत्री अश्वनी चौबे ( Union Minister Ashwani Choubey) ने शिक्षामंत्री को अज्ञानी बताया है। वहीं बक्सर की घटना और रामचरित मानस पर शिक्षामंत्री के बयान पर चुप्पी साधने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( Nitish Kumar) को धृतराष्ट कहा है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री धृतराष्ट बनकर सब देख रहे हैं। उन्होने कहा कि ऐसे अज्ञानी शिक्षामंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए।
क्या था विवादित बयान
बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर ने नालंदा ओपन यूपनिवर्सिटी के 15वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए हिंदू ग्रंथ रामचरित मानस पर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होने कहा था कि रामचरित मानस जाति विभाजन को बढ़ावा देता है। उन्होंने दावा किया कि रामचरित मानस के श्लोक ’अधम जाति में विद्या पाये, भयातु यथा दूध पिलाये’ जिसका अर्थ है ’निम्न जाति के लोग शिक्षा प्राप्त करने के बाद ऐसे जहरीले हो जाते हैं, जैसे दूध पीने के बाद सांप हो जाते हैं’।
यह कविता का अक्सर जानबूझकर गलत व्याख्या किया गया अनुवाद है। क्योंकि जहरीला शब्द पद्य में दावा के रूप में प्रकट नहीं होता है। तात्पर्य यह है कि जिस प्रकार दूध पीकर सर्प सुख का अनुभव करता है, उसी प्रकार अपने को अधम जाति बताने वाला वक्ता भी शिक्षा पाकर प्रसन्न होता है।
शिक्षामंत्री के विवादित बयान पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुछ बोलने से परहेज करते नजर आए। उन्होंने गुरुवार को कहा, हमको इसके बारे में कुछ मालूम नहीं है। हम देखेंगे तब ही कुछ कह पाएंगे। मुझे पता नहीं है, मैं उनसे पूछ लूंगा। बता दें कि मुख्यमंत्री गुरुवार को समाधान यात्रा के तहत दरभंगा पहुंच थे।