रांची । बीते शुक्रवार को झारखंड की राजधानी रांची में दंगा भड़का। दंगाईयों ने फायरिंग, आगजनी और पथराव कर शहर को लहूलुहान किया था। इस दौरान दो युवकों की गोलीबारी में मौत हो गई थी। मेन रोड में हुए बवाल को लेकर रांची पुलिस को वाट्सएप ग्रुप वासेपुर गैंग के एडमिन की तलाश है। पुलिस की जांच में इस बात का खुलासा हआ है कि इसी ग्रुप में घटना के दिन लोगों को एकजुट होने के लिए एसएमएस जारी हुआ था। इसी ग्रुप की मदद से लोगों को विरोध प्रर्दशन करने के लिए कहा गया था।
इस वजह से भड़की हिंसा
बीते शुक्रवार को यूपी समेत कई राज्यों में नूपुर शर्मा के बयान को लेकर हिंसा भड़की थी। इस दौरान दर्जनों लोगों के अलावा पुलिसबल के जवान घायल हुए थे। पुलिस ने उपद्रवियों को खदेड़ते हुए दंगाग्रस्त इलाकों में फ्लैगमार्च कर माहौल को शांत कराया। इसी कड़ी में रांची में भी दंगा भड़का। दंगाईयों ने शहर को गहरे जख्म दिए। दंगाग्रस्त इलाकों में पुलिसबल तैनात है और उपद्रवियों की तलाश में लगातार पुलिस दबिश दे रही है। पुलिस की जांच में सामने आया है। जुमे से पहले गैंग्स ऑफ वासेपुर नाम का वाट्सएप ग्रुप बनाया गया। इसी के जरिए लोगों को भड़काया गया और पल-पल की जानकारी उपद्रवियों को दी गई।
लोगों से सड़कों पर उतरने की अपील की गई
एक न्यूज एजेंसी के हवाले से, बीते 10 जून की घटना को लेकर गैंग्स ऑफ वासेपुर व्हाट्सएप ग्रुप में सारी योजनाएं साझा की जा रही थीं। बताया जाता है कि हिंसा की प्लानिंग और लोगों को इकट्ठा करने के लिए यह व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया, जिसकी वजह से अभी तक रांची में हालात सामान्य नहीं हो सके हैं। इस ग्रुप के जरिए शुक्रवार की नमाज के बाद लोगों से सड़कों पर उतरने की अपील की गई थी। कोतवाली डीएसपी को इसकी जांच की जिम्मेवारी दी गई है। इस ग्रुप में शामिल कई लोगों से पुलिस पूछताछ कर रही है। पुलिस का कहना है कि जल्द से जल्द ग्रुप एडमिन को पकड़ा जाएगा और उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इस बिंदू पर भी पुलिस गंभीरता से जांच कर रही
इसके अलावा पुलिस को सूचना मिली थी कि पंपलेट और पोस्टर बांटा गया है। इस बिंदू पर भी पुलिस गंभीरता से जांच कर रही है। पुलिस को जो सीसीटीवी फुटेज और फोटो मिला है उसमें कई उपद्रवियों का चेहरा सामने आया है। कोतवाली के पिछले थानेदार बृज कुमार को आरोपितों की पहचान करने के लिए बुलाया गया है। बृज कुमार लंबे समय तक कोतवाली और हिंदपीढ़ी के थानेदार रह चुके हैं। इस वजह से उनकी मदद ली जा रही है। उनकी मदद से कई उपद्रवियों की पहचान की जा रही है।
स्थानीय लोगों ने कड़ी आपत्ति जताई
रांची हिंसा में धनबाद के वासेपुर का नाम जोड़े जाने से स्थानीय लोगों ने कड़ी आपत्ति जताई है। लोगों का कहना है कि जान-बूझकर एक साजिश के तहत इस शहर का नाम बदनाम किया जा रहा है। वासेपुर में रहने वाले व्यवसायी शाहिद आलम ने कहा कि पहले फिल्म के जरिए और अब व्हाट्सएप ग्रुप के नाम पर बेवजह शहर को दंगे से जोड़ा जा रहा। उन्होंने कहा कि यह शहर अमन पसंद है। कहा- नुपुर शर्मा के बयान का विरोध वासेपुर के लोगों ने भी किया, लेकिन यहां इसके नाम पर कोई हिंसा नहीं की गई। इसके आलावा सोशल मीडिया पर भी यूजर्स कमेंट कर विरोध और अपनी राय रख रहे हैं।