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अखिलेश की चाचा शिवपाल और राजभर को दो टूक, जहां ज्यादा मिले सम्मान तो आप जाने के लिए स्वतंत्र, टकरार के बीच मुलायम के इस इस करीबी नेता की बीजेपी से दोस्ती, कभी भी छोड़ सकते पार्टी

लखनऊ। सियासत का रंग भी बड़ा अजीब होता है वही दुश्मन बनता है जो आप के सबसे करीब होता है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के लिए भी यह जुमला पूरी तरह फिट साबित हुआ। क्योंकि शनिवार को सपा प्रमुख ने शिवपाल सिंह यादव को लेकर बड़ा फैसला लिया है। पार्टी की तरफ एक खुला खत लिखा और इसमें शिवपाल सिंह यादव को जवाब दिया है। पत्र में लिखा है कि, माननीय शिवपाल सिंह यादव जी, अगर आपको लगता है, कहीं ज्यादा सम्मान मिलेग तो वहां जाने के लिए आप स्वतंत्र हैं। इसके अलावा सपा की तरह से ओमप्रकाश राजभर को भी पत्र लिखा गया। जिसमें लिखा है कि, ओमप्रकाश राजभर जी समाजवादी पार्टी लगातार भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लड़ रही है। आपका भारतीय जनता पार्टी के साथ गठजोड़ है और लगातार भारतीय जनता पार्टी को मजबूत करने के लिए आप काम कर रहे हैं। अगर आपको लगता है कि कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहां जाने के लिए आप स्वतंत्र हैं।

शिवपाल-राजभर खड़े कर चुके सवाल
एक के बाद एक चुनाव में ताबड़तोड़ मिल रही हार के बाद अखिलेश याइव पहले से परेशान थे। अब सहयोगियों और पार्टी के विधायकों की बगावत ने सपा प्रमुख की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। राष्ट्रपति चुनाव में 5 से 6 सपा विधायकों ने क्रास वोटिंग की थी। सपा विधायक शिवपाल यादव ने खुलकर मीडिया के सामने आकर कहा था कि, समाजवादी विधायकों ने आत्मा की आवाज सुनकर एनडीए की उम्मीदवार को वोट दिया है। इसके पहले प्रसपा प्रमुख ने अखिलेश यादव को पत्र लिखकर यशवन्त सिंहा के बजाए द्रोपदी मुर्मू को वोट दिए जाने की मांग की थी। साथ ही पत्र में कई आरोप भी लगाए थे। इसी के बाद सपा प्रमुख अपने चाचा से नाराज बजाए जा रहे हैं।

सपा की तरफ से भी जारी हुटा पत्र
समाजवादी पार्टी से बगावती रुख अख्तियार किए शिवपाल यादव और ओमप्रकाश राजभर को पार्टी की तरफ से पत्र भेजकर अखिलेश यादव ने करारा जवाब दिया है। समाजवादी पार्टी ने शिवपाल यादव को पत्र भेजकर कहा है शिवपाल जी आपको जहां सम्मान मिले आप वहां जा सकते हैं। इतना ही नहीं ओमप्रकाश राजभर को भी पार्टी ने एक पत्र भेजा है। भेजे पत्र में समाजवादी पार्टी ने लिखा है, ओमप्रकाश राजभर जी समाजवादी पार्टी लगातार भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लड़ रही है आपका भारतीय जनता पार्टी के साथ गठजोड़ है और लगातार भारतीय जनता पार्टी को मजबूत करने के लिए आप काम कर रहे हैं। अगर आपको लगता है कि कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहां जाने के लिए आप स्वतंत्र हैं।

ये परिवार भी छोड़ सकता अखिलेश का साथ
अखिलेश यादव की इस तरह की हेकड़ी से पार्टी के अंदर बगावत का सुर और मजबूत हो रहे हैं। केवल शिवपाल यादव और ओमप्रकाश राजभर ही अखिलेश के खिलाफ नहीं हुए हैं बल्कि मुलायम के अभिन्न सहयोगी और समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हरिमोहन सिंह यादव का परिवार भी आप अखिलेश का साथ छोड़ने जा रहा है। जिस यादव मुस्लिम वोट बैंक के भरोसे सियासी सत्ता की वैतरणी पार करने का सपा सपना संजो रही है उसे बड़ा झटका लगने जा रहा है। क्योंकि अब हरिमोहन सिंह यादव के पुत्र और पूर्व राज्यसभा सांसद सुखराम सिंह यादव अब भाजपाई होने जा रहे हैं।

आज हर तरफ भगवा दिखाई दे रहा
हरिमोहन सिंह यादव के उस गांव में जहां कभी समाजवादी झंडे के सिवा कोई झंडा फहराया ही नहीं गया, वहां आज हर तरफ भगवा दिखाई दे रहा है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरिमोहन सिंह की पुण्यतिथि में शामिल होकर अखिलेश यादव को एक बड़ा झटका देने जा रहे हैं। पूरे प्रकरण में सपा से जुड़े कार्यकर्तओं का कहना है कि, अगर खांटी समाजवादी यदुवंशी अखिलेश का साथ यूं ही छोड़ते रहे और शाहजिल इस्लाम जैसे मुस्लिम चेहरे भी सपा से बगावती हो गए तो समाजवादी पार्टी को 2024 में बड़ा नुकसान हो सकता है।

चाचा-भतीजे की टकरार पर बीजेपी का तंज
अखिलेश और शिवपाल 2016 में अलग होने के बाद फरवरी-मार्च उत्तर प्रदेश के चुनावों में एक साथ आए थे। हालांकि, सपा की हार के बाद फिर से दोनों के रास्ते अलग गए। अब बयानबाजी ने एक बार फिर माहौल को गरमा दिया है। वहीं सपा की शिवपाल को चिट्ठी लिखे जाने पर बीजपी ने तंज कसा है। प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि सपा का मूल चरित्र ऐसा ही रहा है। जिसका भी हाथ पकड़ा उसका हाथ झटक भी दिया है। पहले कांग्रेस, बसपा और अब शिवपाल और राजभर। जिसने अपने पिता को गच्चा दिया हो, वह अपने सहयोगियों के साथ कैसे रह सकता है।

 

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