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22 गज की पिच को अलविदा कह क्रिकेटर से बने IAS अफसर, मां की कहानी सुनाकर गांव-गांव जल संरक्षण करा रहे रामपुर के ‘कलेक्टर साहब’

रामपुर। भीषण गर्मी थी। पानी के लिए इंसान के बाद बेजुबान तड़पता करते थे। गांववाले दूर-दूर से पीने का पानी सिर पर रख कर लाते थे। कुछ ऐसा ही हाल हमारे घर का भी था। सबकी प्यास बुझाने के लिए मां दूर से पानी लाती थीं। मां का सपना था कि मैं अफसर बनकर प्रकृति की अनमोल धरोहर (जल) को बचाने के लिए जमीन पर उतरूं। 22 गज की पिच से मुझे बेपनाह मोहब्बत थी। क्रिकेट ही मेरी जिंदकी की लाइफ-लाइन थी। पर मां के चलते मैंने मोहब्बत को अलविदा कह सिविल सर्विस की तैयारी में जुट गया। परीक्षा पास करने के बाद कलेक्टर बना तो पहला काम पानी को बचाने का लक्ष्य लेकर अपने कदम बढ़ाए। गांव-गांव जाकर जल सरंक्षण को लेकर ग्रामीणों को अपनी मां की कहानी सुनाकर उन्हें जागरूक करने के साथ ही तालाबों का निर्माण भी करवाए हैं। ये बात रामपुर के डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ के हैं, जिन्हें अब लोग ‘भगीरथ’ के नाम से भी पुकारते हैं।

राजस्थान के दौसा के रहने वाले हैं रविंद कुमार मांदड़
आईएएस अफसर रविंद्र कुमार मांदड़ राजस्थान के दौसा जिले के लालसोट के रहने वाले हैं। उनकी मां का नाम बिलासी देवी है। आईएएस अफसर की दो बहनें भी हैं। आईएस अफसर रविंद्र कुमार मांदड़ को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था। वह क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन उनकी मां उन्हें बड़ा अफसर बनते देखना चाहती थीं। वह हमेशा पढ़ाई के लिए प्रेरित करती। कम पढ़ी लिखी होने के बावजूद कई घंटे उन्हें सामने बैठाकर पढ़ाती। वह उन्हें समझाती कि बड़े अफसर बन जाओगे तो खेल का शौक बाद में भी पूरा कर लोगे। मां की यह बात उनकी समझ में आई और फिर पूरी लगन से पढ़ाई की। इसी की बदौलत कलेक्टर बन गए।

…तो जल संरक्षण पर कार्य करेंगे
रामपुर के डीएम ने बताया कि, बचपन में पानी की किल्लत देख संकल्प लिया था कि जीवन में कुछ बने तो जल संरक्षण पर कार्य करेंगे। अब इसे निभा रहे हैं। बताते हैं, हमारी मां बिलासी देवी एक किलोमीटर दूर से पानी भरकर लाती थीं। पानी की एक-एक बूंद किसी अनमोल रत्न से कम नहीं थी। बताते हैं, मार्च, 2021 में उन्हें डीएम के रूप में पहली पोस्टिंग रामपुर में मिली। यहां जल संरक्षण के लिए उन्होंने अनोखी मुहिम शुरू की। डीएम ने गांव-गांव जाकर लोगों को पानी के महत्व के बारे में जानकारी दी। इसके अलावा अपनी मां की कहानी भी ग्रामीणों को बता जल संरक्षण को लेकर जागरूक भी कर रहे हैं।

नदी के साथ तालाबों का करवा रहे निर्माण
आईएएस अफसर जल संरक्षण के साथ ही पर्यावरण संरक्षण की भी सीख दे रहे हैं। खुद सूख चुकी नदियों के पुनर्जीवन के लिए फावड़ा चला रहे हैं। तालाबों और नदियों के किनारे पौधे भी लगवा रहे हैं। बहल्ला और सैजनी नदी के जीर्णोद्धार का काम तेजी से चल रहा है। नदियों में चेक डैम बनाने की भी तैयारी है, ताकि वर्षा का पानी बहकर बर्बाद न हो। डीएम का ही प्रयास है जिले की पटवाई ग्राम पंचायत में देश का पहला अमृत सरोवर बना है। इसकी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मन की बात कार्यक्रम में सराहना कर चुके हैं। डीएम की वजह से करीब 40 हजार लोगों को विभिन्न स्तर पर रोजगार भी मिल रहा है।

तालाबों से कब्जा हटवाकर करवाया जीर्णोद्धार
रामपुर जनपद में वर्ष 2021-22 में जिले में 1,197 तालाब सुचारू किए गए। इनमें 200 तालाबों से कब्जा हटवाया गया, 997 का जीर्णोद्धार कराया गया। इसके लिए रामपुर को प्रदेश में पहला स्थान मिला। इस वर्ष 738 तालाब बनाने का लक्ष्य है। इनमें 268 से अवैध कब्जा हटवाया गया है, जबकि 470 का जीर्णोद्धार कराया जाएगा। 300 तालाब बन चुके हैं और 100 पर काम चल रहा है। ये सभी कार्य मनरेगा के अंतर्गत कराए जा रहे हैं। पिछले वर्ष 18 करोड़ रुपये खर्च हुए थे और इस वर्ष 27 करोड़ ख्रर्च होंगे। जिले में अमृत सरोवर योजना का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है।

जलस्तर लगभग पांच फीट ऊपर आ गया
तालाब बनने से जिले में जलस्तर लगभग पांच फीट ऊपर आ गया है। इससे किसानों को सिंचाई में भी फायदा हो रहा है। पूर्व के वर्षों में जल स्तर नीचे जाने से जिले के चार ब्लाक स्वार, शाहबाद, मिलक व सैदनगर डार्क जोन में शामिल हो गए थे। अब चारों ब्लाक डार्क जोन से बाहर आ चुके हैं। ग्राम प्रधान संगठन के जिला महासचिव काशिफ खां कहते हैं कि उनके गांव मनकरा में भी तालाब बना है। पिछले वर्ष की तुलना में जलस्तर में पांच फीट की वृद्धि हुई है। पानी पंचायत के जरिये ग्रामीणों को पानी का महत्व समझाया जा रहा है। जिलाधिकारी खुद गांव में जा रहे हैं, ग्रामीणों को पानी के महत्व के बारे में समझाते हैं।

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