नेपाल की तरफ से लगातार उत्तराखंड के धारचूला में पत्थरबाजी की जा रही है। इस पत्थरबाजी में पोकलैंड और दो डंफर और एक मजदूर घायल हो गया है। इतना ही नहीं नेपाल की तरफ से गुलेल से निशाना साधकर भी पत्थर बरसाए जा रहे हैं। सिंचाई विभाग के कार्यकारी इंजिनियर फरजान अहमद ने बताया कि यदि यही हाल रहा तो तटबंध के काम को रोकना पड़ेगा। कामगारों को टारगेट कर पत्थरबाजी की जा रही है।
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ने बताया कि नेपाल द्वारा गुलेल से निशाना साधकर पत्थर बरसाए जा रहे हैं। ऐसे में जान को खतरा बना हुआ है। इसी तरह से पत्थरबाजी होती रही तो काम करना मुश्किल हो जायेगा। पत्थरबाजी से कार्यदायी संस्था के एक पोकलैंड और दो डम्पर के शीशे टूटे हैं। इसमें डम्बर चालक को चोट भी लगी है। आज हुई पत्थरबाजी में कार्यदाई संस्था को लगभग एक लाख रुपये का नुकसान हुआ है। जबकि 1 मजदूर घायल हुआ है। वाहनों को भी नुकसान पहुंचा है। भारतीय नागरिकों ने नेपाल प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई है।
इससे पहले 6 दिसंबर को उत्तराखंड में पिथौरागढ़ जिले के धारचूला इलाके में भारत-नेपाल सीमा पर नेपालियों द्वारा भारतीय कामगारों पर पथराव की घटना हुई थी। इसके बाद भारत ने नेपाल को जोड़ने वाले एक सस्पेंशन ब्रिज को बंद कर दिया था।
इसके बाद व्यापारियों और स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। अधिकारियों के अनुसार भारतीय सीमा में काली नदी पर तटबंध की दीवार के निर्माण के दौरान यह घटना हुई। नदी नेपाल और भारत के बीच सीमा के रूप में कार्य करती है। आप को बता दें कि धारचूला में भारत और नेपाल के बीच बहने वाली काली नदी पर सुरक्षा दीवार बनाई जा रही है।