लखनऊ। समाजवादी पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव अब हमारे बीच नहीं रहे। उनके चाहने वाले उदास हैं। पिछले कईदिनों ने नेता जी के प्रशंसकों के घर पर चूल्हे नहीं जले। ऐसे ही एक प्रशंसक वाराणसी के विशेश्वरगंज के निवासी श्यामू यादव हैं, जिन्होंने पिछले 35 वर्ष से चप्पल नहीं पहनी। श्यामू ने प्रण लिया था कि, जब तक नेता जी प्रधानमंत्री नहीं बन जाते तब तक वक्त बिना चप्पल के ही रहेंगे। पर धरती पुत्र के इस दुनिया से चले जाने के बाद श्यामू का सपना अधूरा ही रह गया।
मेदांता में ली आखिरी सांस
मुलायम सिंह यादव बीमारी के कारण गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती थी। जहां इलाज के दौरान सोमवार की सुबह उनका निधन हो गया। नेता के इस दुनिया से चले जाने से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। सत्ता क्या, विपक्ष सभी दलों के नेताओं का सैफई गांव में आना शुरू हो गया। मुलायम सिंह यादव के पार्थिक शरीर को सैफई मेला मैदान में आमलोगों के दर्शन के लिए रखा गया। करीब साढ़े तीन बजे पुत्र अखिलेश ने अपने पिता मुलायम सिंह को मुखाग्नि दी। इसबीच उनके प्रशंसको के घरों पर चूल्हा नहीं जाला। दूर-दराज से सैफई पहुंचे लोग रात तक नेता जी की चिता के पास बैठे रहे। एक ऐसे ही प्रशंसक वाराणसी निवासी श्यामू यादव हैं, जिन्होंने पिछले 35 वर्षों से चप्पल नहीं पहनी।
तब तक पीएम नहीं बनेंगे तबतक नहीं पहनूंगा चप्पल
वाराणसी के विशेश्वरगंज के रहने वाले श्यामू यादव ने 35 साल पहले प्रण लिया था कि जबतक ‘नेताजी’ प्रधानमंत्री नहीं बन जाते, तब तक वह चप्पल नहीं पहनेंगे। उन्होंने यह भी प्रण लिया है कि अगर वो इस जन्म में पीएम नहीं बन पायें, तो भी वह चप्पल नहीं पहनेंगे और आने वालों 10 जन्मों तक चप्पल नहीं पहनेंगे। श्यामू यादव ने एक न्यूज चैनल के साथ बातचीत के दौरान कहा कि, “नेताजी सबके मसीहा थे। मेरा संकल्प है कि जबतक नेताजी पीएम नहीं बन जाते, तब तक मैं चप्पल नहीं पहनूंगा। अगर इस जन्म में संकल्प नहीं पूरा हुआ तो अगले 10 जन्मों तक, जबतक वह पीएम नहीं बन जाते, तक तक मेरा प्रण जारी रहेगा।
क्रांतिरथ लेकर पहुंचे वाराणसी
श्यामू यादव ने कहा, जब मुलायम सिंह यादव पहली बार क्रांति रथ लेकर वाराणसी के सपा कार्यालय आये थे, तब मुझे लगा कि नेताजी पीएम पद के योग्य हैं। मैं उनसे चार बार मुलाकात की थी। मैंने अपने संकल्प के बारे में नेताजी को नहीं बताया था और न ही मैं बताता हूं। मुलायम सिंह यादव धरतीपुत्र थे। हमेशा वो कहते थे कि सपा को मजबूत बनाते रहो। नेताजी के लिए हमेशा डटकर सामना किया। चप्पल न पहनने के कारण समाज के लोगों के सारे ताने झेलता हूं और सारी यातनाएं सहता हूं।” बता दें कि एक समय ऐसा आया, जब मुलायम सिंह यादव अकेले 19 फीसदी मुस्लिम वोटों के दावेदार बन गए।