पंजाब की मांग पर आज पंद्रह दिनों बाद केंद्रीय टीम पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने पहुंच गई है। वह यहां तीन दिन रुकेगी जिस दौरान टीम डेरा बस्सी पटियाला खन्नौरी रोपड़ व जालंधर के क्षेत्रों का दौरा करेगी। वीरवार को चंडीगढ़ में अधिकारियों के साथ मीटिंग के बाद टीम अपनी रिपोर्ट देगी जिसके आधार पर बाढ़ प्रभावित लोगों को मुआवजा मिलने का काम शुरू हो पाएगा..
21 जुलाई को पंजाब की मांग पर आज पंद्रह दिनों बाद केंद्रीय टीम पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने पहुंच गई है। वह यहां तीन दिन रुकेगी जिस दौरान टीम डेरा बस्सी, पटियाला, खन्नौरी, रोपड़ व जालंधर के क्षेत्रों का दौरा करेगी। वीरवार को चंडीगढ़ में अधिकारियों के साथ मीटिंग के बाद टीम अपनी रिपोर्ट देगी जिसके आधार पर बाढ़ प्रभावित लोगों को मुआवजा मिलने का काम शुरू हो पाएगा।
गिरदावरी नहीं होती तो उन्हें मुआवजा नहीं मिलेगा
उधर, पंजाब में नौ , दस और ग्यारह जुलाई को भारी बारिश के बाद आई बाढ़ को आज एक महीना पूरा हो गया है, लेकिन गिरदावरी का काम पूरा नहीं हुआ है जिस कारण किसानों को बहुत परेशानी आ रही है। दरअसल जिन किसानों की पूरी फसल बर्बाद हो गई है वह अपनी फसल की फिर से जुताई करने को बैठे हैं क्योंकि अभी तक गिरदावरी नहीं हुई है। जुताई से पूर्व अगर उनकी फसल की गिरदावरी नहीं होती तो उन्हें मुआवजा नहीं मिलेगा।
चूंकि ज्यादातर किसानों जिनकी धान की फसल खराब हो गई है और उन्होंने दोबारा भी रोपाई करवा दी है अब सवाल यह उठता है कि जिन खेतों में धान की रोपाई फिर से कर दी गई है उन्हें गिरदावरी में कैसे लिया जाएगा, किसानों को उनके बाढ़ से हुए नुकसान का पैसा कैसे मिलेगा।
उधर, जो किसान पटवारखानों में पटवारियों से गिरदावरी जल्दी करवाने की अर्जियां दे रहे हैं उन्हें कहा जा रहा है कि वे तहसीलदार से हस्ताक्षर करवाकर लाएं। ऐसे किसान दफ्तरों के धक्के खा रहे हैं और गिरदावरी व मुआवजे की बाट जोह रहे हैं।
(Source: jagran.com)