रिपोर्ट- नितिन ठाकुर
उदयपुर में तीन दिन के चिंतन शिविर में पार्टी में बदलाव के फैसलों के बाद कांग्रेस ने आदिवासियों से ग्राउंड कनेक्ट की शुरुआत की है। बांसवाड़ा डूंगरपुर बॉर्डर पर आदिवासियों की आस्था के केंद्र बेणेश्वर धाम पर राहुल गांधी की सभा होने जा रही है। दक्षिणी राजस्थान में इस स्थान पर सभा का पूरे राजस्थान में बड़ा सियासी संदेश जाएगा। चिंतन शिविर खत्म होने के ठीक अगले दिन होने जा रही सभा को आदिवासी इलाके की राजनीति के हिसाब से अहम माना जा रहा है।
आदिवासी वोटर कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक रहा है, लेकिन बीजेपी के बाद स्थानीय पार्टियों ने इसमें सेंध लगा दी। पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के उभार के बाद कांग्रेस को बांसवाड़ा-डूंगरपुर, प्रतापगढ़ और उदयपुर के आदिवासी बहुल सीटों पर काफी बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था। बीटीपी ने पिछल बार दो सीटें जीतीं थीं। इस बार गुजरात में बीटेपी और आम आदमी पार्टी का गठबंधन है। इस गठबंधन का कांग्रेस को बड़ा नुकसान हो सकता है। इस गठबंधन से कांग्रेस की चिंताएं और बढ़ गई हैं।