उदयपुर। उदयपुर में हुई टेलर कन्हैयालाल की हत्या को लेकर हरदिन नए-नए खुलासे हो रहे है। दरिंदों ने एक जिहादी सोच के तहत कन्हैयालाल की गला काटकर बेरहमी से मर्डर किया था। रियाज की नफरत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसकी बाइक का नंबर 2611 था। यह नंबर मुंबई आतंकी हमले की तारीख से जुड़ा है। खबरों के मुताबिक 2611 नंबर लेने के लिए रियाज ने आरटीओ में पांच हजार रुपये दिए थे। रियाज अपने दोस्त गौस के साथ इसी बाइक पर सवार होकर टेलर की दुकान पर पहुंचा था और वारदात को अंजाम देकर फरार हुआ था।
5 हजार में लिया नंबर
वर्ष 2011 में मुम्बई में आतंकी हमला हुआ था। आंतकियों की गोली का सैकड़ों लोग शिकार हुए थे। इसके बाद आरोपी रियाज ने 2013 में एक बाइक खरीदी थी। आरोपी ने बाइक लोन पर ली थी, लेकिन इसका विशेष नम्बर लेने के लिए परिवहन विभाग में बतौर प्रीमियम 5 हजार रुपए अतिरिक्त राशि जमा कराई थी। जांच एजेंसियों ने बाइक और इससे जुड़े दस्तावेज जब्त किए। दस्तावेजों की पुष्टि में भी बाइक आरोपी रियाज अत्तारी के नाम से पंजीकृत होना पाया है। जांच में सामने आया है कि दोनों आरोपी इसी बाइक पर सवार होकर कन्हैयालाल की दुकान पर आए। कन्हैयालाल की हत्या के बाद इसी बाइक से फरार हो गए।
स्कूटर बरामद
हत्याकांड के दूसरे आरोपी गौस मोहम्मद का स्कूटर घटना के चौथे दिन मौके से ही बरामद किया गया। इससे यह स्पष्ट होता है कि दोनों आरोपी अलग-अलग दुपहिया से आए थे, लेकिन हत्या के बाद एक ही बाइक पर भागे। गौस मोहम्मद का स्कूटर उस समय से ही घटना स्थल से कुछ दूरी पर पड़ा था। लगातार तीन दिन तक लावारिस स्थिति में पड़े स्कूटर पर संदेह हुआ तो क्षेत्रवासियों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने नम्बर के आधार पर जांच की तो यह दुपहिया आरोपी गौस मोहम्मद के नाम पर पाया।
ISIS को अपना आदर्श मानते
ये दोनों आरोपी ISIS को अपना आदर्श मानते थे। दोनों अक्सर ISIS और तालिबान के वीडियो देखा करते थे। ये हिन्दुओं को काफ़िर समझते है और उनके अंदर दहशत फैलाने के मकसद से ही इन्होंने जब नूपुर शर्मा के बयान के बाद देश के कई हिस्सों में पथराव हुआ था तो इनको लगा ये सबसे अच्छा मौका है अपने मजहब का हीरो बनने का। कन्हैयालाल के द्वारा नूपुर शर्मा की पोस्ट पर प्रतिक्रिया के बाद इन्होंने कन्हैया को सबसे आसान टारगेट समझा था। हालांकि इनके निशाने पर कई बड़े लोग भी थे लेकिन वो इनकी पहुंच से काफी दूर थे।
स्लीपर सेल की तरह एक्टिव थे रियाज और गौस
पुलिस के सूत्रों के मुताबिक आरोपी 2014 में ट्रेन के जरिए 45 दिनों के लिए पाकिस्तान गया था जहां वो ज्यादातर उन लोगों के संपर्क में था जो अलग अलग आतंकी गुट से किसी ना किसी तरह से जुड़े हुए थे। पाकिस्तान के आकाओं के आदेश पर पिछले कई सालों से ये दोनों राजस्थान में रहते हुए स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे थे। पिछले काफी समय से ये अपने आकाओं से अलग अलग एप के जरिए संपर्क करते थे। इनका मकसद कन्हैयालाल की हत्या करने के बाद अजमेर जाकर खुदा के सामने उसकी शान में गुस्ताखी करने वालो को सजा देकर आने का दावा करने का था।