नई दिल्ली। देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस अवसर पर शहर-शहर तिरंगा यात्रा निकल रही हैं तो वहीं घर-घर राष्ट्रीय ध्वज लहरा रहे हैं। इनसब के बीच देश विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस भी मना रहा है। रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश के विभाजन के दौरान पीड़ित सभी लोगों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में विभाजन के समय हुई हिंसा और अमानवीय घटना को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। देश की युवा पीढ़ी को देश के विभाजन के दौरान लोगों द्वारा सही गई यातना को याद दिलाने के साथ ही युवाओं को हमेशा शांति बनाए रखने के लिए प्रेरित भी करता रहेगा।
शाह ने ट्वीट किया, ”1947 में हुआ देश का विभाजन भारतीय इतिहास का वो अमानवीय अध्याय है जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। विभाजन की हिंसा और घृणा ने लाखों लोगों की जान ले ली व असंख्य लोगों को विस्थापित होना पड़ा। आज ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ पर बंटवारे का दंश झेलने वाले लाखों लोगों को नमन करता हूं। उन्होंने लिखा, ”विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस देश की युवा पीढ़ी को विभाजन के दौरान लोगों द्वारा सही गई यातना एवं वेदना का स्मरण कराएगा और देशवासियों को देश में सदा शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रेरित भी करेगा।
बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले साल केंद्र सरकार ने विभाजन से पीड़ित लोगों के संघर्षों और बलिदानों की याद करने के लिए 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। जिसके तहत रविवार को अमित शाह ने इसे याद कर लोगों को 1947 की घटना को नहीं भुलाए जाने की अपील की। अमित शाह ने कहा कि, युवा पीढ़ी को इसे याद रखना होगा।
1947 में जब भारत का विभाजन हुआ था तब अंग्रेजों ने पाकिस्तान को एक मुस्लिम देश के रूप में मान्यता दी थी। विभाजन के बाद पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर दंगे भड़क गए और लाखों लोगों को पाकिस्तान छोड़ कर भारत आना पड़ा। दंगे फैलने से लाखों लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। सैकड़ों लोगों का पाकिस्तान में कत्ल किया गया था। वहां से ट्रेनों की बोगियों में शव भारत लाए गए थे।