बड़ी ख़बरें
Chandigarh: वकील को यातनाएं देने के मामले में हड़ताल पर पंजाब एंड हरियाणा HC के वकील, आज भी काम रहा ठपPunjab: जालंधर की खेल इंडस्ट्री पर एंटी नारकोटिक्स सेल ने डाला बड़ा छापा, 15 लोग जुआ खेलते रंगे हाथों धरे गएPunjab: चंडीगढ़ DC ने कर दिया बड़ा ऐलान, पुनर्वास कॉलोनी के सर्वे के बाद नई पॉलिसी आएगी, नहीं छिनेंगे लोगों के घरमुश्किलों में फंसे भजन गायक कन्हैया मित्तल, शिव को इशु मसीह का पिता बताने को लेकर जालंधर में FIR दर्ज..Asian Games: पंजाब की बेटियों ने चीन में बढ़ाया तिरंगे का मान, शूटिंग गेम्स में बना डाला सबसे बड़ा रिकॉर्डPunjab: पंजाब में हथियार तस्करी पर सख्त CM भगवंत मान, बोले, ‘पाकिस्तान से ज्यादा तो..कानपुर के चौबेपुर में एक शादीशुदा प्रेमी ने प्रेमिका की सहेली से संबंध बनाने से किया इंकार तो प्रेमिका ने प्राइवेट पार्ट काट कर किया लहूलुहान !Raghav Chaddha Weds Parineeti Chopra: राघव चड्ढा और परिणीति चोपड़ा की शादी की तस्वीरें तस्वीर आईं सामने, दोनों के बीच में दिखाई दी गजब की केमिस्ट्रीRaipur: 188 पदों के लिए व्यापमं से हुई परीक्षा, हाथी के पुल्लिंग के लेकर गोदना के फूल तक ऐसे पूछे गए अजीबो-गरीब सवालChattisgarh Tiger: छत्तीसगढ़ में अब बचे हैं सिर्फ 17 टाइगर, अचानकमार में 2 मादा और 1 नर टाइगर की जरूरत, कहां से लाएगी सरकार

यूपी निकाय चुनावः कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण किया रद्द… जल्द चुनाव कराने के लिए आदेश

लखनऊः यूपी में निकाय चुनाव को लेकर लंबे समय से बहस चल रही थी। मंगलवार को इलाहाबाद की लखनऊ खंडपीठ ने ओबीसी आरक्षण को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने सरकार की दलीलों को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही प्रदेश में जल्द से जल्द निकाय चुनाव कराने के आदेश दिए हैं। बीते 24 दिसंबर ने कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था।

लखनऊ खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि ट्रिपल टेस्ट के बगैर ओबीसी को कोई आरक्षण नहीं दिया जाए। ऐसे में बगैर ओबीसी को आरक्षण दिए स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाएं। कोर्ट ने राज्य सरकार को ट्रिपल टेस्ट के लिए आयोग बनाए जाने का आदेश दिया है।

कोर्ट ने चुनाव के संबंध में सरकार द्वारा जारी गत 5 दिसंबर के अनंतिम ड्राफ्ट आदेश को भी निरस्त कर दिया। न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने मंगलवार को यह निर्णय ओबीसी आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनाया।

याची पक्ष ने राजनीतिक आरक्षण बताया था
कोर्ट में सुनवाई चलते रहने के कारण राज्य निर्वाचन आयोग के अधिसूचना जारी करने पर रोक लगा दी गई थी। मामले में याची पक्ष ने कहा था कि निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण एक प्रकार का राजनीतिक आरक्षण है। इसका सामाजिक, आर्थिक अथवा शैक्षिक पिछड़ेपन से कोई लेना देना नहीं है। ऐसे में ओबीसी आरक्षण तय किए जाने से पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई व्यवस्था के तहत डेडिकेटेड कमेटी द्वारा ट्रिपल टेस्ट कराना अनिवार्य है।

सरकार ने कोर्ट के सामने रखे थे तर्क
जिस पर राज्य सरकार ने दाखिल किए गए अपने जवाबी हलफनामे में कहा था कि स्थानीय निकाय चुनाव मामले में 2017 में हुए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के सर्वे को आरक्षण का आधार माना जाए। सरकार ने कहा है कि इसी सर्वे को ट्रिपल टेस्ट माना जाए। सरकार ने ये भी कहा था कि ट्रांसजेंडर्स को चुनाव में आरक्षण नहीं दिया जा सकता।सुनवाई में हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा था कि किन प्रावधानों के तहत निकायों में प्रशासकों की नियुक्ति की गई है? इस पर सरकार ने कहा कि 5 दिसंबर 2011 के हाईकोर्ट के फैसले के तहत इसका प्रावधान है।

रैपिड सर्वे में जिला प्रशासन की देखरेख में नगर निकायों द्वारा वार्डवार ओबीसी वर्ग की गिनती कराई जाती है। इसके आधार पर ही ओबीसी की सीटों का निर्धारण करते हुए इनके लिए आरक्षण का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जाता है।

यह है ट्रिपल टेस्ट प्रक्रिया
नगर निकाय चुनावों में ओबीसी का आरक्षण निर्धारित करने से पहले एक आयोग का गठन किया जाएगा, जो निकायों में पिछड़ेपन की प्रकृति का आकलन करेगा। इसके बाद पिछड़ों के लिए सीटों के आरक्षण को प्रस्तावित करेगा। दूसरे चरण में स्थानीय निकायों द्वारा ओबीसी की संख्या का परीक्षण कराया जाएगा और तीसरे चरण में शासन के स्तर पर सत्यापन कराया जाएगा।

Related posts

Leave a Comment

अपना शहर चुने

Top cities