लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बाद अगर कोई ब्यूरोक्रेट्स सबसे ताकतवर है तो उसका नाम है अवनीश कुमार अवस्थी। उत्तर प्रदेश शासन के एसीएस यानी अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी योगी सरकार के सबसे काबिल और एक्टिव आईएएस अधिकारी माने जाते हैं। 1987 बैच के आईएएस अफसर अवनीश कुमार अवस्थी को उत्तर प्रदेश पुलिस, इंटेलिजेंस, साइबर सिक्योरिटी जैसे मुद्दों पर काफी अनुभवी माना जाता है। लखनऊ के अलावा यूपी के लोग इन्हें मुख्यमंत्री योगी का ‘हनुमान’ भी कहते हैं। जब भी सरकार संकट में होती है तो वरिष्ठ आईएस अफसर आगे बढ़कर उसका निराकरण करने में अहम रोल निभाता है। फिलहाल इसी माह अवनीश अवस्थह रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इन्हें सेवा विस्तार मिलेगा कि नहीं।
कई विभागों की संभाल रहे जिम्मेदारी
वर्तमान में अवनीश कुमार अवस्थी के पास एसीएस होम, एसीएस ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा ,चेयरमैन यूपीडा, जैसे महत्वपूर्ण महकमे का चार्ज है। इससे पूर्व अवनीश कुमार अवस्थी के पास एसीएस सूचना और धर्मार्थ कार्य वा पर्यटन महकमे भी थे, लेकिन बाद में उनसे सूचना और धर्मार्थ कार्य और पर्यटन को अलग कर लिया गया। जानकार बताते हैं कि, यूपी की सरकार में जब-जब संकट आई तब‘तब ‘हनुमान’ बनकर संकट मोचक की भूमिका अवनीश अवस्थी ने अदा की। हर संकट में सबसे आगे अवनीश अवस्थी खड़े दिखाई दिए।
कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाने में निभाया अहम रोल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दी गई हर एक चुनौती पर अवनीश कुमार अवस्थी खरे उतरे। जब 2017 में उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी तब सूबे की कानून व्यवस्था सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी। योगी सरकार के ‘बुलडोजर बाबा’ की इमेज बनाने में भी अवनीश कुमार अवस्थी की बड़ी भूमिका थी। उसे जमीन पर उतारने का बीड़ा अवनीश अवस्थी ने अपने कंधों पर उठाया। 2022 के चुनाव में बुलडोजर बाबा की इमेज सत्ता में वापसी की सबसे बड़ी वजह बनी।
राम मंदिर पर आया फैसला, शांत रहा सूबा
बता दें, 2019 में जब सुप्रीम कोर्ट राम मंदिर के केस का फैसला सुनाने वाला था, तब सूबे के मुख्यमंत्री हिंसा को लेकर चिंतित थे। मुख्यमंत्री योगी ने कानून-व्यवस्था बेहतर रहे, इसकी जिम्मेदारी एसीएम होम अवनीश अवस्थी को दी। अवनीश अवस्थी ने उस जिम्मेदारी को बखूबी अंजाम दिया और बिना किसी विवाद बिना किसी तनाव के सुप्रीम कोर्ट का वह फैसला भी आ गया और उत्तर प्रदेश में शांति व्यवस्था बरकरार रही। यही वजह रही कि जब राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाया गया तब अवनीश कुमार अवस्थी कोष ट्रस्ट में शामिल किया गया।
यूपी में बिछ रहे एक्सप्रेसवे के अहम किरदार
उत्तर प्रदेश को जब विकास की कसौटी पर कसा गया और यूपी में एक्सप्रेस वे का जाल बिछाने का सपना सरकार ने देखा तो उसे पूरा करने का काम भी अवनीश अवस्थी के नेतृत्व में हुआ। महज 28 महीनों में बनकर तैयार हुआ बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे हो या फिर उससे पहले पूर्वांचल एक्सप्रेस वे उसकी नजीर है। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश में तीन और एक्सप्रेसवे तेजी से निर्माणाधीन है। इन सब कार्यों को जमीन पर समय से पूरा कराने में इस आईएस अफसर ने जमकर पसीना बहाया।
हर समस्या का शांति से समाधान
इसके अलावा उत्तर प्रदेश जैसे संवेदनशील जगह से लाउडस्पीकर हटवाना खुले में नमाज को रोकना इनसब के पीछे आईएस अवस्थी ने अहम रोल निभाया। इस बार की गर्मी के मौके में यूपी की जनता को भारी बिजली कटौती का सामना करना पड़ा जिसके बाद बिजली संकट से निपटना सरकार के लिए बड़ी चुनौती थी। एम देवराज अपनी इस भूमिका को निभा पाने में नाकामयाब रहे, जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिजली समस्या से निबटने के लिए पॉवर सेंटर को एसीएस ऊर्जा का अतिरिक्त प्रभार भी थमा दिया गया। उसके बाद अब यूपी में बिजली की समस्या से निजात मिल सकी।
नौ रत्नों में एक ये आईएस अफसर
योगी की टीम 9 के सबसे मजबूत स्तंभ अवनीश अवस्थी इस महीने अगस्त में रिटायर होने जा रहे हैं। लेकिन यूपी के पावर कॉरिडोर में इस बात की चर्चा अब जोर पकड़ने लगी है कि अवनीश अवस्थी को एक्सटेंशन मिलने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद अवनीश अवस्थी के एक्सटेंशन की फाइल केंद्र में भिजवाई है और इस बात की संभावना बहुत ज्यादा है। अवनीश अवस्थी को कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को देखते हुए 6 महीने से 1 साल का एक्सटेंशन मिल सकता है।
मिल सकता है एक्सटेंशन
जानकारों का मानना है कि, जिस तरह से रिटायरमेंट से महज डेढ़ महीना पहले उन्हें ऊर्जा की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी उससे यह पता चलता है कि न सिर्फ अवनीश अवस्थी पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जरूरत से ज्यादा भरोसा कायम है बल्कि इसके साथ ही उन्हें एक्सटेंशन मिलने की कयासों पर भी बल मिल रहा है। वहीं एक्सटेंशन के खिलाफ एक लॉबी शिद्दत से इस कोशिशों मेंज ुटी है की उन्हें एक्सटेंशन न मिले। लेकिन इतना तो तय है कि जितने कम समय में अवनीश अवस्थी ने देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में ब्यूरोक्रेसी से लेकर राजनीतिक गलियारों में अपनी मजबूत पकड़ जमाई है वह अपने आप में एक नजीर भी है।