लखनऊ। 2014 लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में बीजेपी धरातल पर थी। समाजवादी पार्टी और बीएसपी का बोलबाला था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की जोड़ी ने क्षत्रपों का तोड़ निकाल इनकी सियासी जमीन को धराशाही कर कमल का फूल खिला दिया। लगातार चार चुनाव में मिली प्रचंड जीत के बाद अब बीजेपी की नजर मिशन 2024 पर है। इसी को लेकर एक बैठक चित्रकूट में हुई। जिस पर रणनीति बनाई गई। लेकिन ये पूरा ऑपरेशन लीक हो गया। जिसके बाद विपक्षी दल एक्टिव हो गए और बीजेपी के बनाए चक्रव्यूह को तोड़ने के लिए जुट गए हैं।
बीजेपी के मिशन 2024 के प्लान में सबसे पहले सरकार और संगठन में बेहतर तालमेल बनाए जाने पर युद्ध स्तर पर काम किया जायेगा। पार्टी द्वारा माइक्रो प्लानिंग को अपनाया जाएगा। नये प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद पूरी नई टीम बनाई जाएगी। नई टीम ही चुनावी रूपरेखा को धरातल पर उतारेगी। बीजेपी में सबके लिये काम, इस मंत्र पर चलते हुये हर कार्यकर्ता को काम दिया जायेगा और उससे फीडबैक लिया जायेगा.। बीजेपी के क्षेत्र, जिला और मंडल स्तर पर कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा हो चुका है, अब इसे जमीन पर उतरा जाएगा।
बीजेपी के कार्यकर्ता पन्ना, बूथ, शक्ति केंद्र, मंडल, विधानसभा और लोकसभा क्षेत्र में सक्रिय रहेंगे। पूरे प्रदेश को संगठन के लिहाज से कई भागों में बांटा गया है। सरकारी जनकल्याणकारी योजनाओं को संगठन जनता तक पहुंचायेगा। हिंदुत्व के एजेंडे को धार देने के साथ ही बीजेपी का फोकस अब पसमांदा मुसलमान भी हैं। कार्यकर्ताओं की टोलियां पसमांदा मुस्लिम इलाकों में जाएंगी और उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ द्धारा चलाई जा रहीं सरकारी योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही लाभ भी पहुंचाएंगी। इसके अलावा विपक्षी दलों की पोल भी खोलेंगी।
पार्टी ने लोककल्याण संकल्प पत्र को पूरा करने का टारगेट अब 5 साल से कम करके 2 साल का रखा है। 2024 के लिये यूपी के 75 जिलों को 25-25 के तीन भागों में बांटा गया है। इनका प्रभार मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्री के पास रहेगा। कुछ समय के बाद प्रभार क्षेत्र तीनों का बदला जायेगा। इनके नीचे कैबिनेट मंत्री मंडल स्तर का प्रभार देखेंगे। 18 मंडलों का प्रभार 18 कैबिनेट मंत्रियों को दिया गया है। इनके प्रभार में भी बदलाव होगा.। 2024 तक हर कैबिनेट मंत्री हर मंडल की दौरा करेगौ 5ः स्वतंत्र प्रभार और राज्य मंत्रियों को भी कैबिनेट मंत्री की निगरानी में जिलों का प्रभार दिया गया है। अभी तक दो-दो मंडलों का दौरा मंत्री कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और सभी मंत्री सरकारी कार्यों का निरीक्षण करने के साथ जनता से फीडबैक ले रहे हैं। सामाजिक तानाबाना बुनने के लिए मंत्रियों को पिछड़े और दलित के यहां रात्रि विश्राम के आदेश दिये गये हैं। सरकारी कार्ययोजना को 100 दिन, 6 माह, एक साल, दो साल और 5 सालों में बांटा गया है। सरकार के मंत्रियों को प्रशिक्षित करने के बाद प्रभार वाले मंडलों में बदलाव किया गया है। बीजेपी ने 2024 को लेकर 80 में 76 सीटों पर जीत दर्ज करने के तहत बनाया है। 2019 में हारी सीटों पर पार्टी ने रणनीति पहले से बनानी शुरू कर दी थी। जिसका नतीजा रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में देखने को मिला है।