बांदा। बांदा के मरका घाट से 40 से ज्यादा पुलिस-महिलाएं नाव पर सवार होकर फतेहपुर जनपद के असोधर घाट जा रहे थे। नाव जैसे ही बीच धारा में पहुंची, वैसे ही उसका संतुलन बिगड़ गया और वह यमुना नदी में डूब गई। सूचना पर पहुंची पुलिस और गोताखारों की टीम ने पानी में उतरकर ऑपरेशन शुरू किया। नदी से चार शव बरामद किए जा चुके हैं। बताया जा रहा है कि नाव में बच्चों समेत 24 से 25 महिलाएं बैठी थीं।
रक्षाबंधन के त्योहार पर गुरूवार को बांदा जनपद के समगरा गांव की महिलाए, बच्चे और पुरूष मरका घाट पहुंचे। करीब 50 लोग नाव में सवार होकर फतेहपुर जिले के असोथर घाट जाने के लिए रवाना नहीं। यमुना नदी में बीच धारा में पहुंचते ही नाव असंतुलित होकर पलट गई। नाव में सवार सभी लोग डूब गए लेकिन नाविक तैरकर किनारे पर आ गए। स्थानीय लोगों ने हादसे की सूचना पुलिस को दी। गोताखोरों की टीम और पुलिस मिकर नदी में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए हुए है। फिलहाल चार शव बरामद किए जा चुके हैं। लापता होने वालों में बच्चों समेत 24 से 24 महिलाएं हैं। जबकि अन्य पुरूष भी शामिल हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि नाव पर क्षमता से ज्यादा लोगों के बैठने से नाव पलट गई। पुलिस ने जो चार शव बरामद किए हैं उनकी पहचान नहीं हो पाई। जानकारी के बाद जिलाधकारी अनुराग पटेल घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। वहीं पुलिस फोर्स और प्रशासनिक अफसर भी पहुंच गए हैं। नाव पलटने के बाद तैरकर घाट पर पहुंचे समगरा गांव निवासी गयाप्रसाद निषाद ने बताया कि नाव में करीब 50 लोग सवार थे। इसमें 22 महिलाएं व बच्चे भी हैं। तेज हवा के चलते लहर उठी और नाविक संतुलन नहीं बना सका, जिससे नाव नदी में पलट गई। वह तैरकर किसी तरह किनारे पहुंचे हैं।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, यहां के लोग आजादी से पहले नाव के जरिए फतेहपुर के अलावा अन्य इलाकों में जाया करते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां सड़क नहीं होने के चलते तीज-त्योहारों में दूसरे शहर जानें का जरिए सिर्फ नाव हैं। आज भी महिलाएं अपने भाईयों को राखी बांधने के लिए मायके जाने के लिए नांव पर सवार हुई थीं। स्थानीय लोगों की मानें तो हादसे में किसी के जीवित बचने की उम्मीद न के बराबर है।