लखनऊ। योगी सरकार दो आने के बाद राजधानी से कई राज बाहर निकल कर आ रहे हैं। पहले स्वास्थ्य विभाग में मनमाने तरीके से पोस्टिंग-तबादलों को लेकर डिप्टी सीएम ने सवाल खड़े कर ब्यूरोक्रेसी पर सनसनीखेज आरोप लगाए थे तो वहीं पीडब्ल्यूडी विभाग में भी बड़ा खेल हुआ। जिसके चलते विभाग के मंत्री के ओएसडी को हटाने के साथ कई आलाधिकारियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सस्पेंड किया था। अब एक और नया मामला सामने आया है। सरकार में जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने काम का बंटवारा ना होने से नाराज होकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही मंत्री ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर अपने विभाग के अफसरों पर तमाम तरह के आरोप लगाए हैं। इसकी कॉपी उन्होंने सीएम और राजभवन को भी भेजी है। हालांकि सरकार और पार्टी संगठन के स्तर पर इसकी पुष्टि नहीं की गई है।
जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने पत्र में लिखा है कि जलशक्ति विभाग में दलित समाज का राज्य मंत्री होने के कारण उनके किसी भी आदेश पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। न ही उन्हें सूचना दी जाती है कि विभाग में कौन-कौन सी योजनाएं चल रही हैं और उन पर क्या कार्यवाही हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार के अफसर दलितों को अपमान कर रहे हैं। उन्होंने सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव अनिल गर्ग को एक मामले को लेकर फोन किया पर उन्होंने बात सुने बगैर फोन काट दिया। वह दलित जाति के मंत्री हैं, इसलिए विभाग में उनके साथ बहुत ज्यादा भेदभाव किया जा रहा है।
मंत्री ने पत्र में आगे लिखा है कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एवं गृहमंत्री अमित शाह के अथक परिश्रम एवं कुशल नेतृत्व में दलितों और पिछड़ों को साथ लेकर चलने के कारण आज बीजपी सरकार का गठन हुआ है। इसी क्रम में दलित समाज से जुड़े होने के कारण मुझे भी एक ईमानदार एवं स्वच्छ छवि वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जल शक्ति विभाग में राज्य मंत्री नियुक्त किया गया है। जिससे पूरा दलित समाज बीजेपी सरकार के प्रति पूरी तरह से उत्साहित एवं समर्पित है। परन्तु शक्ति विभाग में दलित समाज का राज्य मंत्री होने के कारण मेरे किसी भी आदेश पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है और न ही मुझे किसी की सूचना दी जाती हैहैं न ही विभाग में कौन-कौन सी योजनाएं वर्तमान में संचालित है तथा उस पर क्या कार्यवाही हो रही है।
मंत्री ने आगे लिखा कि, सम्बंधित विभाग के अधिकारी राज्य मंत्री को केवल विभाग द्वारा गाड़ी उपलब्ध करा देना ही राज्य मंत्री का अधिकार समझते हैं और इतने से ही राज्य मंत्री के कर्त्तव्यों का निर्वहन हो जाना समझते हैं। इस विभाग में स्थानांतरण सत्र में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, के जीरो टारलेस नीति को ध्यान में रखते हुये मेरे संज्ञान में आने पर इस विभाग में स्थानांतरण सत्र 2022-23 में किये गये अधिकारियों के स्थानांतरण से सम्बंधित सूचना मेरे द्वारा अपने पत्र संख्या-300/ ज.ग.पि / 2022 दिनांक 09.7ः2022 को मांगी गयी तो उसकी सूचना अभीतक नहीं दी गयी है।
मंत्री ने पत्र के जरिए गृहमंत्री को बताया है किख् कई दिनों के बाद विभागाध्यक्ष से दूरभाष पर वार्ता करके सूचना हेतु कहा गया तब भी उन्होंने आजतक सूचना उपलब्ध नहीं कराई है। प्रमुख सचिव, सिंचाई, श्री अनिल गर्ग को उक्त स्थिति से अवगत कराना चाहा तो उन्होंने बिना मेरी पूरी बात सुन ही टेलीफोन काट दिया और वह भी मेरे बात को अनुसना कर दिये जो एक जनप्रतिनिधि का बहुत बड़ा अपमान है। मैं एक दलित जाति का मंत्री हूं। इसीलिये इस विभाग में मेरे साथ बहुत ज्यादा भेदभाव किया जा रहा है।
खटिक आगे लिखते हैं कि, मुझे विभाग में अभीतक कोई अधिकार नहीं दिया गया है इसलिये मेरे पत्रों का जवाब नहीं दिया जाता है। मेरे द्वारा लिखे गये पत्रों पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। इस विभाग में नमामि गंगे योजना के अन्दर भी बहुत बड़ा भ्रष्टाचार फैला हुआ है जो ग्राउण्ड पर जाने पर पता चलता है और जब मैं कोई शिकायत किसी भी अधिकारी के विरुद्ध करता हूँ तो उस पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। चाहें तो इसकी किसी एजेंसी से जांच भी करायी जा सकती है।
मंत्री ने लिखा कि, उत्तर प्रदेश में सरकार के अन्दर अधिकारीगण उतना ही दलितों का अपमान कर रहे है। मैं दलित समाज से हूं और दलित समाज मुझसे पूरी तरह से जुड़ा हुआ है और यह पूरी तरह से मुझसे अपेक्षा रखता है कि उसके साथ अन्याय न होने पाये। जब अपने साथ हो रहे अन्नाय को लेकर अधिकारियों को अवगत कराता हूं तो अधिकारी उस पर कोई कार्यवाही नहीं करते हैं जिससे मेरी ही नहीं बल्कि पूरे दलित समाज का अपमान हो रहा है।