सहारनपुर। पाकिस्तान जहां कश्मीर में जेहाद के नाम पर आतंकवादियों को भेज कर वहां का महौल खराब कर रहा है तो वहीं अब नापाक देश की नजर भारत के कई शहरों पर पड़ गई है। वह यहां के लोगों को भड़का कर आतंकवादी बना रहा है। आतंकी संगठन से जुड़े ‘आका’ शहरों के बजाए गांव में नजर अढ़ा दी है। जिसका खुलासा सहारनपुर, फतेहपुर और आजमगढ़ से पकड़े गए टेररिस्ट ने पूछताछ के दौरान किया है। अब यूपी एटीएस इनको सरंक्षण देने वालों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन शुरू करने की तैयारी में है।
सहारनपुर से पकड़ा गया था फिदायीन
यूपी एटीएस ने बीते दिनों सहारनपुर स्थित एक गांव से आतंकी नदीम को गिरफ्तार किया था। नदीम आतंकी संगठन जैस-ए-मोहम्मद और टीटीपी से जुड़ा था। आतंकी ने पूछताछ के दौरान कई खुलासे किए थे। साथ ही अपने अन्य साथियों के बारे में जानकारी दी थी। आतंकी से मिले इनपुट के बाद यूपी एटीएस ने हबीबुल उर्फ सैफुल्लाह को फतेहपुर के सैय्यदबाड़ा से गिरफ्तार कर लिया था। हबीबुल के माता-पिता फतेहपुर में रहते हैं। वह बिहार से आकर फतेहपुर में बसे थे। आतंकी बेटे की गिरफ्तारी के बाद वह कुछ भी बोलने करे तैयार नहीं हैं।
कुंडाकला का रहने वाला है नदीम
कुंडाकला गांव निवासी नफीस अपने परिवार के साथ रहते हैं। नफीस के दो बेटे हैं। जिसमें एक का नाम नदीम और दूसरे का तैमूर है। नदीम की गिरफ्तारी के बाद गांव में खौफ का महौल है। ग्रामीणों का कहना है कि नदीम सीधा-साधा लड़का था, लेकिन उसके संपर्क आतंकियों से कैसे हो गए, इसका उन्हें भी यकीन नहीं हो रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि, वह बहुत कम घर से बाहर निकलता था। मस्जिद में नमाज के लिए जाता था। उसके पड़ोसियों का कहना है कि, नदीम किस तरह से आतंकी बन गया, इसकी किसी को कानो कान भनक तक नहीं लगी।
स्थानीय खुफिया विभाग और पुलिस हमेशा बेखबर
कुछ लोगों का कहना है कि, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में बैठे आतंकियों के हाथ सहारनपुर में गांव-गांव पहुंच रहे हैं। जैश-ए-मुहम्मद और तहरीक-ए-तालिबान के आतंकी नदीम को फिदायीन हमले के लिए तैयार कर रहे थे। एटीएस और अन्य जनपदों की पुलिस ने यहां से आकर कई बार कार्रवाई की है, लेकिन स्थानीय खुफिया विभाग और पुलिस हमेशा बेखबर रही। स्थानीय लोगों का कहना है कि, इन आतंकवादियों को कोई न कोई जरूर सरंक्षण दे रहा होगा। ऐसे में हमारी मांग है कि एटीएस इनके आकाओं को दबोचे। जिससे कि सहारनपुर का नाम बदनाम न हो सके।
आतंक फैलाने का तरीका बताया गया
जैश-ए-मुहम्मद और तहरीक-ए-तालिबान के संपर्क में रहे मोहम्मद नदीम के फोन से बरामद हुई 70 पेज की पीडीएफ फाइल में आतंक फैलाने का तरीका बताया गया है। इस पीडीएफ फाइल में बारूद इक्कठा करने से लेकर फिदायीन हमले के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। एटीएस के हाथ ऐसे कई अहम सुराग लगे हैं, जिसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। यूपी एटीएस की टीम इसके अन्य मददगारों को दबोचने के लिए लगातार ऑपरेशन चला रही है। आने वाले दिनों में कई और आतंकी पकड़े जा सकते हैं।
50 आतंकियों की फर्जी वर्चुअल आईडी बनाई
आंतकी नदीम के फिदायीन साथी हबीबुल उर्फ सैफुल्लाह की गिरफ्तारी के बाद उसके कई साथी खुफिया एजेंसियों के रडार पर हैं। जल्द ही जनपद से इनके अन्य साथियों की गिरफ्तारी हो सकती है। हबीबुल वर्चुअल आईडी बनाने का एक्सपर्ट है। यह जैश का एक्टिव आतंकी है। इसने करीब 50 आतंकियों की फर्जी वर्चुअल आईडी भी बनाई थी। वह पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हैंडलर्स के संपर्क में था। नदीम और हबीबुल ने यूपी में रह रहे अपने कई साथियो के नाम एटीएस को बता दिए हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही और आतंकियों की गिरफ्तारी हो सकती है।