इटावा। मैनपुरी लोकसभा सीट से चुनाव के मैदान में उतरे बीजेपी कैंडीडेट रघुराज सिंह शाक्य बुधवार को अपने राजनीतिक गुरु नेताजी (मुलायम सिंह यादव) की समाधि स्थल पर पहुंचे और श्रद्धासुमन अर्पित कर जीत का आर्शीवाद मांगा। रघुराज सिंह को राजनीति में मुलायम सिंह यादव ही लेकर आए थे और राजनीति का ककहरा सिखाया था। इसके नाते रघुराज भी नेताजी को अपना राजनीतिक गुरु मानते रहे हैं।
जसवंतनगर में रहने वाले रघुराज शाक्य को बीजेपी ने मैनपुर लोकसभा सीट से उपचुनाव में मंगलवार को प्रत्याशी घोषित किया था। बुधवार की सुबह रघुराज घर से मैनपुरी जाने से पहले इटावा के सैफैई पहुंचे और नेताजी मुलायम सिंह यादव के समाधि स्थल पर नमन किया। यहां कुछ देर रुकने के बाद वह मैनपुरी के लिए रवाना हुए। समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि अपर्ति करते हुए उन्होंने जीत का आशीर्वाद मांगने की बात कही। उनके साथ पत्नी सीमा शाक्य व बीजेपी के जिला महामंत्री प्रशांत राव चौबे व कृष्ण मुरारी गुप्ता भी थे।
मैनपुरी सीट से भाजपा प्रत्याशी रघुराज सिंह शाक्य को राजनीति में नेताजी स्व. मुलायम सिंह यादव लेकर आए थे। उन्होंने ही रघुराज को राजनीति का ककहरा सिखाया था। जसवंतनगर के गांव धौलपुर खेड़ा के निवासी रघुराज उस समय फतेहपुर में नगर पालिका परिषद में नौकरी करते थे। नौकरी छुड़वाकर मुलायम सिंह यादव ही रघुराज को राजनीति में लाए थे और पहली बार सपा की टिकट पर इटावा संसदीय क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतारा था और उन्होंने जीत हासिल की थी। रघुराज शाक्य के चाचा धनीराम शाक्य मुलायम सिंह के विश्वास पात्रों में से एक थे। उन दिनों राम सिंह शाक्य समाजवादी पार्टी में बड़ा चेहरा थे। रघुराज दो बार इटावा से सांसद रहे।
मुलायम सिंह के समय से शिवपाल के भी रघुराज बेहद करीबी रहे। परिवार में विग्रह होने पर शिवपाल सिंह के अलग होने पर रघुराज ने मजबूती से प्रसपा का दामन थामे रखा। बीते विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर रघुराज ने भारतीय जनता पार्टी में राजनीतिक संभावनाएं तलाशनी शुरू कर दी थी। प्रदेश के शाक्य नेताओं में गिनती होने पर भाजपा ने उपचुनाव में उनपर विश्ववास जताया है। मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में शाक्य बिरादरी का बड़ा वोट बैंक है।