कानपुर। कल्याणपुर थानाक्षेत्र स्थित नवशील धात के मकान नंबर 77 में बुधवार की सुबह इनकम टैक्स विभाग के अधिकारियों ने रेड की। रियल एस्टेट कारोबारी राकेश यादव के घर को बाहर से बंद कर दिया गया और सभी के आने-जाने पर रोक लगा दी गई। घर पर मौजूद लोगों के फोन बंद करा दिए गए और अफसर लॉकर से लेकर बेड को खंगाल रहे हैं। कार्रवाई की जानकारी होने पर रियल एस्टेट से जुड़े अन्य कारोबारियों में खलबली मच गई है।
नवशील धाम में करीब 5 वर्ष पहले राकेश रहने आए थे। इससे पहले वह एक बड़े कारोबारी के फ्लैट में रहते थे, जिनका देश में केबल नेटवर्क का कारोबार है। इसके अलावा राकेश यादव का रीयल एस्टेट, प्लास्टिक फैक्ट्री, जींस निर्माता, छपाई कारोबार सहित कई प्रतिष्ठान हैं। बुधवार की सुबह इनकम टैक्स की टीम लाव-लश्कर के साथ रियल एस्टेट कारोबारी राकेश यादव के घर पर छापा मारा। घर पर रियल एस्टेट कंपनी से जुड़े दस्तावेजों की जांच कर रही है। इसके अलावा आईटी की कई टीमें आवास के साथ उनके कारगिल पैट्रोल पंप, बर्रा स्थित उनकी फैक्ट्री, उन्नाव स्थित फैक्ट्री व दिबियापुर की प्लास्टिक फैक्ट्री में छापा मारकर कार्रवाई कर रही है।
इनकम टैक्स को शिकायत मिली थी कि, को घनाराम इन्फ्रा कंपनी द्वारा फर्जी दस्तावेजों के सहारे जमीनों का बैनामा कराया गया है। जिसमें करोड़ों की धांधली की गई है। इसी के चलते इनकम टैक्स विभाग ने कंपनी के कानपुर, लखनऊ, दिल्ली, झांसी समेत कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी शुरू की है। घनाराम इंफ्रा कंपनी दिल्ली में पंजीकृत है और इसमें बिशन सिंह, श्याम सुंदर सिंह, धनाराम और गुलराज कौर निदेशक मंडल में हैं। राकेश यादव की कंपनी का भी संबंध घनाराम इन्फ्राटेक कंपनी से होने की जानकारी सामने आई है। इसके चलते इनकम टैक्स विभाग की एक टीम ने राकेश के घर पर छापा मारकर जांच शुरू कर दी है।
नवशील धाम में रहने वाले लोगों के मुताबिक बिठूर क्षेत्र में भी उनकी संपत्ति हैं। राकेश के रीयल एस्टेट कारोबार में राजनीति से जुड़े कई लोगों का धन लगा है। राकेश यादव ने कानपुर नगर निगम में कई वर्ष तक ठेकेदारी की है। वह मूलरूप से कानपुर देहात के सिकंदरा का रहने वाला है। सूत्रों की मानें तो इनकम टैक्स विभाग को राकेश के घर से कर चोरी के अहम दस्तावेज हाथ लगे हैं। इसके अलावा पैसे भी बरामद होने की खबर है। फिलहाल इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाई जारी है।