कानपुर। बर्रा दो निवासी देश के जाने-माने जादूगर ओम प्रकाश शर्मा (76) उर्फ ओपी शर्मा का गुर्दे की बीमारी के चलते शनिवार देररात निधन हो गया। पिछले एक सप्ताह से ओपी शर्मा का इलाज कल्याणपुर स्थित एक हॉस्पिटल पर चल रहा था। जादूगर के भूत महल के साथ ही 72 ट्रकों के तिलिस्म का राज उनके इस दुनिया से जाने के बाद दफ्न हो गया। ओपी शर्मा देश ही नहीं विदेशों में जाकर अपने जादू से लोगों का दिल जीतते थे। वह राजनीति में भी आए और समाजवादी पार्टी से विधानसभा का चुनाव लड़ा। फिलहाल ओपी शर्मा बीजेपी के सदस्य थे।
बलिया के रहने वाले थे ओपी शर्मा
ओपी शर्मा का जन्म 1 अप्रैल 1952 को बलिया में हुआ था। 1971 में ओपी शर्मा की नौकरी स्माल आर्मस फैक्ट्री (एसएएफ) कानपुर लग गई और वह यहीं पर बस गए। ओपी शर्मा स्माल आर्मस फैक्ट्री (एसएएफ) में बतौर डिजाइनर के पद पर काम करते थे। कानपुर में सबसे पहले उन्होंने शास्त्री नगर में अपना निवास बनाया। कुछ सालों के बाद ओपी शर्मा ने बर्रा इलाके में घर बनवाया, जिसे भूतबंगले के नाम से जाना जाता है। शर्मा के परिवार में पत्नी मीनाक्षी दिल्ली दूरदर्शन में कार्यरत बड़े बेटे प्रेम प्रकाश शर्मा, मंझले बेटे सत्य प्रकाश शर्मा (ओपी शर्मा जूनियर) और प्रिटिंग का काम करने वाले तीसरे बेटे पंकज प्रकाश शर्मा और संयुक्त राज्य अमेरिका में रह रही सबसे छोटी बेटी रेनू शर्मा हैं।
34 हजार से अधिक शो कर चुके हैं ओपी शर्मा
जादूगर ओपी शर्मा कभी भी किसी भी शहर में शो करने जाते थे तो उनके साथ 100 से अधिक लोगों का काफिला होता था। उनकी टोली में सहयोगी पुरुष एवं महिला कलाकारों, संगीतकारों, गायकों, मेकअप मैन, प्रकाश नियंत्रक, पेंटर, दर्जी, जैसे कई सहयोगी होते थे। इनके अलावा खानसामा, धोबी, नाई आदि का भी समूह होता था। जब एक जगह से दूसरी जगह ओपी शर्मा रवाना होते थे तो इंद्रजाल का सारा सामान 16 से अधिक ट्रकों में समाता था। बेटे पंकज के मुताबिक पिता देश विदेश में 34 हजार से अधिक शो कर चुके हैं। उनका पहला व्यवसायिक शो मुंबई में किया था।
शहंशाह ए जादू की महान उपाधि दी थी
ओपी शर्मा के परिश्रम, प्रतिभा को देखते हुए इंडियन मैजिक मीडिया सर्कल ने उन्हें नेशनल मैजिक अवार्ड 2001 व शहंशाह ए जादू की महान उपाधि दी थी। उनके शो का सबसे चर्चित रगबिरंगा इंद्रजाल होता था। वर्ष 2018 के बाद से उन्होंने शो नहीं किए। उसके बाद उनके मंझले बेटे सत्यप्रकाश जूनियर ओपी शर्मा के रूप में शो कर रहे हैं। शनिवार को उनका मेरठ में शो चल रहा था। पिता के देहांत की जानकारी मिलने के बाद वह घर के लिए निकल पड़े। रविवार को भैरो घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
देवतानंद शर्मा से सीखी जादू की कला
जादूगर ओपी शर्मा का जादू के प्रति बचपन से ही लगाव था। तब वह कक्षा द्वितीय में पढ़ते थे। जादू के शुरूआती करतब उन्होंने अपने बड़े भाई स्व.देवतानंद शर्मा से सीखे थे। जैसे-जैसे बड़े हुए उनकी प्रतिभा में निखार आता गया और उन्होने मायानगरी की दुनिया में अपना नाम स्थापित किया। मुंबई में डिजाइनर इंजीनियरिंग करने के दौरान ही उन्होंने व्यवसायिक शो करने शुरू किए थे। वहीं फिल्मी दुनिया से मंच, साज-सज्जा, मेकअप, लाइटिंग, साउंड, का बारीकी से अध्ययन करने के बाद जादू शो में समावेश कर जादू की कला को सुसज्जित किया
2019 में बीजेपी की ली सदस्यता
समाजवादी पार्टी के टिकट पर 2002 में गोविंद नगर सीट से चुनाव लड़ने वाले ओपी शर्मा ने वर्ष 2019 में भाजपा का दामन थाम लिया था। 10 अगस्त 2019 को लाजपत भवन में भाजयुमो के एक कार्यक्रम में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली थी। ओपी शर्मा के जादू देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते थे। राजनीति में आने के बाद उन्होंने शो करने कम कर दिए थे। परिवार के लोगों का कहना है कि, जो विरासत वह छोड़कर गए हैं, उसे उसी शिद्दत के साथ बदस्तूर जारी रखा जाएगा।