महोबा। प्रदेश की बागडोर संभालने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ अपराधियों के खिलाफ मुहिम छेड़े हुए हैं तो वहीं भ्रष्टाचार रूपी राक्षस पर प्रहार करना शुरू कर दिया है। जनपद के करोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी के मामले में जहां महोबा के एसपी रहे पाटीटार को सस्पेंड करने के बाद मुकदमा के साथ ही फरार होने पर आईपीएस अफसर पर एक लाख रूपए का इनाम घोषित किया गया था। शासन ने पूरे मामले की जांच एसआईटी से करवाई थी। एसआईटी की रिपोर्ट के बाद यहां तैनात रहे पुलिसकर्मियों की जांच में भ्रष्टाचार की परतें लगातार खुल रहीं हैं। आठ दिन पहले दरोगा सतीषचंद्र मिश्रा के खिलाफ रिपोर्ट होने के बाद अब भ्रष्टाचार निवारण संगठन झांसी के निरीक्षक ने शहर कोतवाली में इंस्पेक्टर के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज कराया है।
जानें महोबा कांड का पूरा मामला
सितंबर 2020 में महोबा में तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार के खिलाफ छह लाख रुपए की रिश्वत मांगे जाने संबंधी एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया था। जिसके कुछ घंटे बाद कबरई कस्बे के क्रशर व्यवसायी इन्द्रकांत त्रिपाठी संदिग्ध परिस्थिति में गोली लगने से अपनी कार में घायल पाए गए थे। कानपुर में इलाज के दौरान कारोबारी की मौत हो गई थी। इस सिलसिले में पाटीदार के खिलाफ पहले हत्या की कोशिश का मुकदमा दर्ज हुआ था। व्यापारी की मौत के बाद हत्या की धारा-302 में केस बदल गया था। इसके बाद में एसआईटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा-306 आईपीसी भी जोड़ी गई था।
कारोबारी के परिवारलों ने लगाए थे गंभीर आरोप
क्रशर व्यापारी इन्द्रकांत त्रिपाठी के परिवार वालों ने आरोप लगाया था कि पाटीदार ने कारोबार करने के लिए 6 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। रिश्वत न देने पर हत्या कराने या जेल भेजने की धमकी दी थी। इंद्रकांत की मौत के बाद उनके भाई रविकांत ने महोबा के पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार, कबरई थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर देवेंद्र, कांस्टेबल अरुण और दो अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। एसआईटी की जांच में मामला भ्रष्टाचार और आत्महत्या के लिए उकसाने का पाया गया था।
आठ दिन पहले दरोगा पर दर्ज हुआ था केस
इस मामले में तत्कालीन एसपी, तत्कालीन थानाध्यक्ष कबरई देवेंद्र शुक्ला, सिपाही अरुण यादव, व्यापारी सुरेश सोनी व ब्रह्मदत्त के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई थी। एसआईटी की संस्तुति पर उस समय तैनात पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की जांच चल रही है। आठ दिन पहले भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने कबरई में तैनात रहे फतेहपुर जनपर निवासी दरोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था। दरोगा पर आय से अधिक संपत्ति पाई गई थी। आरोपी दरोगा अपनी आय के श्रोत के बारे में टीम को जानकारी नहीं दे पाया था।
महोबा में तैनाती के दौरान की कमाई
भ्रष्टाचार निवारण संगठन झांसी के निरीक्षक अम्बरीश कुमार यादव ने शहर कोतवाली में तहरीर देकर बताया कि जनपद प्रतापगढ़ के थाना रानीगंज के तिवारीपुर निवासी राकेश कुमार सरोज महोबा में वर्ष 2020 में तत्कालीन निरीक्षक थे। खुली जांच में पाया गया कि निरीक्षक ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय महोबा में प्रभारी निरीक्षक के पद पर कार्यरत रहते हुए वैद्य स्रोतों से 50 लाख 46 हजार 94 रुपये की आय अर्जित की जबकि एक करोड़ 28 लाख 59 हजार रुपये व्यय किया गया।
78 लाख 13 हजार का अधिक व्यय पाया गया
आय के सापेक्ष 78 लाख 13 हजार का अधिक व्यय पाया गया। जिसके संबंध में निरीक्षक कोई हिसाब नहीं दे सके। तहरीर के आधार पर कोतवाली महोबा में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। वर्तमान में राकेश कुमार सरोज मीडिया सेल कार्यालय एटा में तैनात बताए जा रहे हैं। कोतवाल बलराम सिंह का कहना है कि कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज की गई है। मामले की विवेचना भ्रष्टाचार निवारण संगठन लखनऊ करेगी।