कानपुर। बाबू शमशाद ने बीएसए को एक चिट्ठी लिखकर अपना दर्द बयां किया है । शमशाद ने लिखा है कि, पिछले एक वर्ष से मुझे अवकाश नहीं दिया गया। जिसके कारण मेरी पत्नी से अक्सर लड़ाई होती थी। विवाद ज्यादा बढ़ने पर वह दोनों बच्चों को लेकर मायके चली गई है। रूठी पत्नी को मनाकर घर लाना है। ऐसे में मुझे तीन दिन की छुट्टी दें ‘साहब’ ।
बीएसए के प्रेम नगर कार्यालय में शमशाद बतौर क्लर्क पद पर तैनात हैं। शमशाद ने चिट्ठी लिखकर बीएसए से छुट्टी मांगी है। शमशाद ने अवकाश लेने की वजह जो बताई, उसे सुन सब हैरान हैं। उसने पत्र में लिखा है कि, अवकाश नहीं मिलने से पत्नी नाराज चल रही थी। ड्वीट के बाद जब मैं शाम को घर जाता तो पत्नी से अक्सर विवाद हुआ करता। उसने मुझसे कईबार छुट्टी लेकर मायके चलने को कहा। अवकाश के लिए मैंने विभाग में प्रार्थनापत्र दिया। लेकिन मुझे छुट्टी नहीं मिली। जिसके चलते पत्नी नाराज होकर मायके चली गई।
बीएसए में तैनाम क्लर्क का सच बयां करता पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें शमशाद रूठी पत्नी और बच्चों को ससुराल से वापस लाने के लिए अवकाश मांग रहे हैं। हालांकि, इस पत्र पर उनके साथी कर्मचारी मजाक उड़ा रहे हैं, लेकिन शमशाद का कहना है कि जो सच था लिख दिया। शमशाद ने बताया कि, विभाग की तरफ से मुझे पिछले एक वर्ष में एक भी छुट्टी नहीं दी गई, जबकि अन्य कर्मचारियों को अवकाश दिया जाता है।
शमशाद ने बताया कि, बच्चों और पत्नी को समय नहीं दिया। जिसके चलते वह मानसिक तौर पर बीमार हो गई थी। शमशाद का कहना है कि, सभी को नियमित अवकाश देना चाहिए। जिससे हम अपने परिवार को भी समय दे सकें। बच्चों के साथ पत्नी को घुमाने ले जा सकें। पूरे मामले पर बीएसए की तरफ से कोई बयान नहीं दिया गया। पर कार्यालय में शमशाद के पत्र की चर्चा जोरों पर है।