लखनऊ। प्रदेश सरकार ने लखनऊ के पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर और कानपुर के पुलिस कमिश्नर विजय कुमार मीना का तबादला कर दिया है। इसके अलावा शासन ने सात और आईपीएस अफसरों के ट्रांसफर किए हैं। आईपीएस डीके ठाकुर को लुलू मॉल में नमाजपढ़ने से हुई फजीहत और विजय कुमार मीना को कानपुर हिंसा से जुड़े मामले में हटाने की चर्चा है। अब लखनऊ के नए सीपी एसबी शिरोडकर होंगे, वहीं कानपुर की जिम्मेदारी बीपी जोगदंड को दी गई है। जबकि, डीके ठाकुर और विजय कुमार मीना को वेटिंग में रखा गया है.।
इसके चलते हटाए गए ठाकुर
डीके ठाकुर पौने दो साल से लखनऊ पुलिस कमिश्नर थे उनका कार्यकाल ठीक था, लेकिन हाल ही में लुलु मॉल में नमाज को लेकर हुए विवाद से सरकार की काफी फजीहत हुई। सीएम योगी आदित्यनाथ ने सार्वजनिक मंच से लखनऊ पुलिस पर टिप्पणी भी की थी। इसके अलावा माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को पकड़कर कोर्ट में पेश करने के मामले में भी लखनऊ पुलिस असफल साबित हुई। अब इंटेलिजेंस के एडीजी एसबी शिरोडकर को लखनऊ का नया पुलिस कमिश्नर बनाया गया है। इन पर राजधानी में अपराघ रोकने की अहम जिम्मेदारी होगी।
हिंसा पर हुई थी सरकार की किरकिरी
कानपुर के पुलिस कमिश्नर विजय कुमार नमाज के दौरान हुई हिंसा को लेकर निशाने पर थे। हिंसा के बाद आरोपियों की धर-पकड़ और गिरफ्तारी को लेकर कानपुर पुलिस सवालों के घेरे में भी आई थी। सीएम योगी इससे खासे नाराज थे। तभी से विजय कुमार मीणा को हटाने की चर्चा शुरू हो गई थी। अब पुलिस मुख्यालय में तैनात एडीजी बीपी जोगदंड को कानपुर का नया पुलिस कमिश्नर बनाया गया है। जोगदंड पहले भी कानपुर में बतौर डीआईजी तैनात रह चुके हैं।
पहले पुलिस कमिश्नर बनाए गए थे असीम
25 मई 2021 को राज्य सरकार ने कानपुर में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू की थी और वरिष्ठ आईपीएस असीम अरुण को पहला पुलिस आयुक्त बनाया गया था। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 8 जनवरी को उन्होंने पुलिस सेवा से इस्तीफा दे दिया था। असीम अरुण बीजेपी में शामिल हुए और 2022 के विधानसभा चुनाव लड़ा। पार्टी ने असीम को कन्नौज सदर सीट से चुनाव के मैदान में उतारा। जहां बीजेपी के असीम, सपा उम्मीदवार पर भारी पड़े और भारी मतों से विधायक चुने गए। इस समय कन्नौज से विधायक और प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री हैं।
7 माह तक बतौर सीपी किया काम
असीम अरुण के इस्तीफे के बाद चुनाव आयोग की अनुशंसा पर राज्य सरकार ने वरिष्ठ आईपीएस विजय सिंह मीना को कानपुर कमिश्नरेट की कमान सौंपी थी। 14 जनवरी को उन्होंने कार्यभार ग्रहण किया था। लगभग सात माह का कार्यकाल उन्होंने पूरा किया है। तीन जून को हुए उपद्रव के बाद उन्होंने आरोपितों पर सख्त कार्रवाई के लिए कदम उठाए। नई सड़क पर उपद्रव की साजिश रचने में जौहर फैंस क्लब के अध्यक्ष हयात जफर की गिरफ्तारी के बादए सहयोगी बाबा बिरयानी रेस्टोरेंट के मालिक मुख्तार बाबा और बिल्डर हाजी वशी समेत 62 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस ने की सख्त कार्रवाई
जाजमऊ में हुए बवाल के बाद भाजपा से निष्कासित नारायण सिंह भदोरिया के खिलाफ भी पुलिस ने सख्त कार्रवाई की थी। लंबे समय के बाद बार एसोसिएशन का चुनाव पुलिस की देखरेख में बिना किसी विवाद के संपन्न हुआ। इस चुनाव के लिए पुलिस ने हाईटेक व्यवस्था की थी। सिख विरोधी दंगा की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल के संयुक्त प्रयास से अब तक 28 आरोपितों को जेल भेजा जा चुका है। हालांकि, शहर की याताया व्यवस्था को लेकर जनता अक्सर सवाल खड़ा करती रही।