लखीमपुरखीरी। अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी के मुद्दे पर एक बार फिर किसान लामबंद हो रहे हैं। कई राज्यों से किसानों के जत्थे लखीमपुर पहुंचने शुरू हो गए हैं। जिसको लेकर प्रदेश सरकार एक्टिव हो गई है और इंटेलिजेंस एजेंसियों को 24 घंटे सतर्क रहने के आदेश दिए हैं। जिसके बाद से पुलिस और एजेंसियां पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं। बतादें, किसानों ने आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर 75 घंटे तक लगातार प्रोटेस्ट करने का ऐलान किया था। कई शहर और गांवों में पोस्टर व सोशल मीडिया के जरिए अन्नदाताओं को इस प्रदर्शन में भाग लेने को कहा गया था।
केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा और उनके बटे पर लखीमपुर खीरी जिला के तिकुनिया (ज्पानदपं) में 4 किसानों और 1 पत्रकार की हत्या का आरोप किसानों ने लगाया था। जिसके बाद पुलिस ने मंत्री के बेटे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। आरोपी को कोर्ट ने जमानत दे दी थी, जिसके बाद वह बाहर आ गया था। किसान मामले को सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर लेकर गए। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद मंत्री के बेटे को सरेंडर करने का आदेश दिया था। टेनी का बेटा सरेंडर करते हुए जेल चला गया। इसके बाद भी किसान ं गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने और गिरफ्तार करके जेल भेजने की मांग कर रहे हैं।
75 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर किसानों ने बड़ा ऐलान किया था। उनका कहना है कि, सरकार ने मंत्री को न तो बर्खास्त किया और न ही गिरफ्तार। ऐसे में अब किसान लखीमपुर में 75 घंटे प्रदर्शन करेंगे। जिसके बाद से देश भर के किसान यहां जुटना शुरू हो गए हैं। किसान संगठन मांग कर रहे हैं कि लखीमपुर खीरी हत्याकांड में जिन किसानों को निर्दोष होते हुए भी जेल में बंद किया है उनको तुरन्त रिहा किया जाए और उनके ऊपर लगाए केस तुरन्त वापस लिए जाएं। इसके अलावा किसानों ने सरकार से मांग की है कि, सभी फसलों के ऊपर स्वामीनाथन कमीशन के फॉर्मूले से एमएसपी की गारंटी और सभी फसलों की बिकवाली एमएसपी के ऊपर होने की गारंटी करने वाला कानून केंद्र सरकार द्वारा बनाया जाए।
किसानों का कहना है कि, किसान आन्दोलन के दौरान केन्द्र शासित प्रदेशों और अन्य राज्यों में जो केस किसानों के ऊपर लाद दिए गए थे वो तुरंत वापस लिए जाएं। इसके साथ ही, बिजली वापस लिया जाए। भारत के सभी किसानों के सर पर चढ़े कर्ज को एक बार कर्ज मुक्त किया जाए। उत्तर प्रदेश की शुगर मिलों की तरफ जो किसानों की बकाया राशि है वो तुरंत जारी की जाए। सालों से जंगल को आबाद कर देश के विभिन्न प्रांतों से लखीमपुर और अन्य जनपदों से आकर बसे किसानों को ज़मीन से बेदख़ल करने के नोटिस देने बंद किए जाएं।