उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार द्वारा समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए समिति गठित करने के निर्णय लिया गया है। ऐसे में कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर होती दिखाई दे रही गई है।
वहीं कांग्रेस ने समान नागरिक संहिता को लेकर सत्तारूढ़ दल और सरकार पर निशाना साधा है। मीडिया से बातचीत में पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि भाजपा के पास प्रदेश के विकास का कोई रोडमैप नहीं है। सांप्रदायिक सौहार्द को समाप्त कर समाज के धु्रवीकरण के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही कहा कि समान नागरिक संहिता को भाजपा ने चुनाव में हथियार के तौर पर उपयोग किया। यह विषय राज्य सरकार के हाथ में नहीं है, इसके बावजूद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में इसे लाया गया और समिति के गठन की बात की गई।
मंत्रिमंडल को चुनाव में किए गए वायदों के मुताबिक महंगाई समाप्त करने और बेरोजगारी दूर करने के लिए कार्य करने चाहिए थे। भ्रष्टाचार मुक्त शासन के लिए लोकायुक्त का गठन किया जाना चाहिए। भू-कानून में संशोधन पर भी सरकार ने निर्णय नहीं लिया।