कानपुर। विकास दुबे ने दो जुलाई 2022 की रात को बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की बेरहमी से हत्या कर सनसनी मचा दी थी। पर इससे पहले गैंगस्टर ने 50 से ज्यादा हथियारों से लैस गुर्गों के साथ 6 बीघे जमीन पर कब्जा किया था। अपनी दहशत को बरकरार रखने के लिए शातिर ने ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। ग्रामीणों का कहना है कि, इस कांड की असल वजह जमीन थी और विकास की मौत के बाद इसकी लड़ाई कोर्ट में चल रही है।
क्या है पूरा मामला
चौबेपुर थानाक्षेत्र के मोहिनी निवादा गांव निवासी लल्लन शुक्ला अपने परिवार के रहते थे। उनकी बेटी सरिता ने बताया कि, परिवार में माता-पिता के साथ हम तीन बहनें हंसी-खुशी से िंजंदकी बसर कर रही थीं। हमारे पापा के पास साढ़े 6 बीघा जमीन थी। सरिता के मुताबिक, हमारी जमीन पर पापा के भांजे सुनील तिवारी, जो उन्नाव जनपद के सोहरामऊ गांव का रहने वाला है, ने दावा कर दिया। इसी बीच तीन अप्रैल को विकास दुबे के गुर्गें बाल गोविंद ने हमारे पापा और जीजा सुनील को उठा ले गया। हम भागकर थाने गए, लेकिन सुनवाई नहीं हुई।
पापा की मिली लाश
सरिता बताती हैं कि, पापा का अपहरण अप्रैल में हुआ। हमने पुलिस-प्रशासन से लेकर विकास दुबे की कोठी पर जाकर फरियाद की, लेकिन पापा नहीं मिले। आखिरकार 29 जून को पापा की लाश मिली। सरिता का आरोप है, पापा का किडनैप जमीन लिखवाने के लिए किया गया था। साढ़े 6 बीघा खेती को दो हिस्से में दान देना दिखाया गया। साथ ही, बाकी की संपत्ति का उत्तराधिकारी सुनील को बनाया गया। सरिता का आरोप है कि पापा का हत्या विकास दुबे ने करवाई थी।
गांव में ताबड़तोड़ फायरिंग की थी
सरिता बताती हैं कि, पापा की मौत के बाद 2 जुलाई को विकास दुबे 50 से ज्यादा असलहाधारियों के साथ जमीन पर कब्जा करने गया था। गांव में ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। इस जमीन पर 8 ट्रैक्टर ट्राली लगवाकर जुतवाया था। मामले की जानकारी होने पर पुलिस विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए रात को बिकरू गांव पहुंची। शातिर अपराधी ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर गुरिल्ला वार के जरिए पुलिसबल पर हमला बोल दिया। जिससे सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।
पुलिस ने धारा 145 की कार्रवाई
लल्लन की गांव मोहिनी निवादा की जमीन आज भी दोनों दावेदारों के हाथ नहीं लगी। लल्लन की बेटी सरिता ने बिकरू कांड के बाद अगस्त 2020 में जमीन पर फिर से कब्जा करके खेती शुरू की थी। लेकिन सुनील ने खुद को खेती और मकान का वारिस बताया। अक्टूबर 2021 में फिर से दावा कर दिया। ऐसे में एक बार विवाद की स्थित को देखते हुए पुलिस ने घर में ताला डाल दिया। खेती को धारा 145 के तहत विवादित घोषित कर दिया है। वर्तमान में खेती पर किसी का कब्ज़ा नहीं है।
कोर्ट में चल रहा मामला
लल्लन के भांजे सुनील के उत्तराधिकारी होने को कोर्ट में चैलेंज किया गया है। लल्लन के बेटी सरिता ने धोखाधड़ी से मकान और खेती लिखने का मुकदमा किया। खुद को असली उत्तराधिकारी होने का दावा किया है। सरिता को विश्वास है कि एक दिन उसके साथ न्याय होगा। गांव के घर में ताला लगने के बाद फिलहाल सरिता रिश्तेदारों के यहां रहने को मजबूर है। सरिता ने बताया कि मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को है।