उन्नाव से निशा नाथ पांडेय की रिपोर्ट
विकास पुरुष' आम तौर पर यह संज्ञा राजनेताओं को ही दी जाती है हालांकि हम इस खिताब से जिले के मुख्य विकास अधिकारी IAS दिव्यांशु पटेल को नवाजते हैं। आज उन्हें जिले में बतौर सीडीओ एक वर्ष पूरा हो गया है। अपने इस कार्यकाल के दौरान उन्होंने ओपन जिम, धार्मिक स्थलों के आसपास के जलाशयों के जीर्णोद्धार सरीखे तमाम अभिनव प्रयास किए जिनकी सुखद अनुभूति जिले की ग्रामीण जनता कर रही है जिसका स्वप्न ही वर्तमान की केंद्र व राज्य सरकार का ध्येय है। यही नहीं अपने पदीय दायित्वों का निर्वाहन करते हुए निराला पार्क के पास सरदार पटेल द्वार और सरकारी जमीन के अतिक्रमण को हत्वावकर विकास पार्क बनवा कर शहर की खूबसूरती में चार चांद लगाने का श्रेय भी उन्ही को जाता है। हो सकता है हमारी यह बाते कुछ नेताओं के पिछलग्गुओं और कुछ स्वयंभू कलमकारों को चुभे पर मुझे इसकी कोई परवाह नहीं है। अधिकारी एक निर्धारित समयावधि के लिए आते हैं और चले जाते हैं हालांकि उनके काम वर्षो तक याद किए जाते हैं।
बाराबंकी इसका उदाहरण है जहां बतौर जॉइन्ट मजिस्ट्रेट कराये गए कामों के नाते वहा की जनता आज भी दिव्यांशु पटेल के बतौर डीएम आने की राह देख रही है। पिछले साल ट्रांसफर के बाद विदाई समारोह को वहां के स्थानीय विधायक सतीश चंद्र शर्मा जो अब योगी सरकार में मंत्री है व पत्रकारों ने आयोजित कर ऐसे शानदार अधिकारी को यादगार विदाई दी थी। यह स्पष्ट करता है कि श्री पटेल वहां कितने लोकप्रिय रहे होंगे कि विधायक पत्रकारों ने उनके लिए विदाई सम्मान समारोह कराया। अपने आराध्य कामता नाथ और बांके बिहारी से कामना है ऐसे अधिकारियों पर अपनी आशीष छाया सदैव बनाए रखें।