उत्तर भारत इन दिनों शीत लहर की चपेट में है। मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दो दिनों में उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजधानी दिल्ली में घने कोहरा रहने की संभावना है। वहीं पश्चिम के मैदानी इलाकों में का तापमान तेजी घट रहा है। जिसमें पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में भी कड़ाके ठंड है। दिन में धूप नहीं निकले की वजह से तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है।
सुबह और रात के समय आने वाले तीन दिनों बाद हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तरी राजस्थान, बिहार और पूर्वी राज्यों जैसे कि उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और त्रिपुरा में घने कोहरे की स्थिति की भी संभावाना जताई गई है। मौसम विभाग ने कहा है कि पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में शीतलहर की स्थिति गंभीर होने की संभावना है। जबकि अगले दो दिनों के दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में भी शीतलहर के बढ़ने की संभावना है। इस बीच ने अगले कुछ दिनों के दौरान तमिलनाडु और केरल सहित देश के दक्षिणी राज्यों में कई जगह मध्यम बारिश की संभावना जताई है।
दिल्ली एनसीआर में ठंडी हवाएं चल रही हैं। इसके साथ ही निचले क्षोभमंडलीय स्तरों पर बढ़ी हुई नमी, हल्की हवाओं और कम तापमान के कारण कई इलाकों में घना कोहरा छाया हुआ है। शनिवार को हवाओं की गति बढ़ सकती है, जिससे कोहरे के कहर में थोड़ी कमी आएगी। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 2-3 दिनों तक न्यूनतम तापमान में खास बदलाव की उम्मीद नहीं है। तब तक दिन और रात का तापमान सामान्य से नीचे ही बना रहेगा। दो दिन बाद ठंड से कुछ राहत मिल सकती है।
कोहरा स्वास्थ्य के लिए है हानिकारक
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग नें स्वास्थ्य संबंधी बातों का जिक्र करते हुए बताया कि घने कोहरे में सूक्ष्म कण और अन्य पदार्थ होते हैं, जिसकी वजह से फेफड़ों से संबंधित परेशानी हो सकती है। पॉल्यूशन ज्यादा होने की स्थिति में ये सूक्ष्म कण फेफड़ों को प्रभावित करते हैं। अस्थमा ब्रोंकाइटिस से पीड़ित लोगों को घने कोहरे में निकलने से माना किया गया है। हवा में प्रदूषकों के संपर्क में आने से आंख की झिल्लियों में भी जलन हो सकती है।