Kanpur white owl: कानपुर में दुर्लभ प्रजाति (Rare Species) का सफेद बर्फीला उल्लू (white snowy owl) मिला है। इससे पहले विलुप्त प्रजाति का हिमालयन सफेद गिद्ध ( Himalayan white vulture ) मिला था। हिमालय में बर्फबारी से पक्षियों के सामने भोजन का संकट आ गया है। जिसकी वजह से हिमालय से पक्षी पलायन कर रहे हैं। विशालकाय गिद्ध और सफेद बर्फीला उल्लू यूरोप और हिमालय में अत्यधिक ऊंचाई वाले इलाकों में पाए जाते हैं।
कानपुर में बीते बुधवार को परेड के नवीन मार्केट में दुकान पर एक फिट लंबा सफेद उल्लू देखा गया था। उल्लू बेहद थका हुआ और भूखा था। सफेद उल्लू मिलने की सूचना पूरे शहर में फैल गई। नवीन मार्केट में लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। व्यापारी और स्थानीय लोग मोबाइल से उल्लू की फोटो और वीडियो बनाने लगे। सफेद उल्लू के वीडियो वायरल हो गए। व्यापरियों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। वन विभाग की टीम ने उल्लू को रेस्क्यू कर पकड़ लिया। सफेद बर्फीले उल्लू को पशु चिकित्सक के पास ले जाया गया।
प्राकृतिक वातावरण में जिंदा रह सकता है
वन विभाग के रेंजर लल्लू सिंह ने बताया कि नवीन मार्केट से पकड़े गए सफेद उल्लू का स्वास्थ्य परीक्षण कराया। जिसमें पशुचिकित्सकों ने बताया कि उल्लू पूरी तहर से स्वस्थ्य है। लेकिन चिड़ियाघर में इसे लेने से इंकार कर दिया। चिकित्सकों ने कहा कि यह ऐसा पक्षी है, जो खुले और प्राकृतिक वातावरण में जिंदा रह सकता है। यदि इसे कैद में रखा गया तो, खाना पीना छोड़ सकता है। इसके बाद इसे एलेन फॉरेस्ट के जंगलों में छोड़ दिया गया।
जू में रखा गया है विशालकाय गिद्ध
कानपुर में बीते रविवार (08 जनवरी) को बजरिया स्थित कब्रिस्तान में विलुप्त प्रजाति का हिमालयन विशालकाय गिद्ध मिला था। इस गिद्ध के पंखों की लंबाई लगभग 5 फिट थी। सफेद गिद्ध को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग ईदगाह पहुंचे थे। वन विभाग के रेंजर का भी मानना है कि हिमालय में बर्फबारी की वजह से पक्षियों के सामने भोजन की संकट आ गया है। इस लिए पक्षी परिवार के साथ पलायन कर रहे हैं। हिमालयन गिद्ध को कानपुर जू (Kanpur Zoo) में रखा गया है। इस गिद्ध के साथ एक मादा भी थी, लेकिन वो उड़ गई। वन विभाग टीम मादा गिद्ध की तलाश में जुटी है। जू के डॉक्टरों का कहना है कि यदि मादा मिल जाती है, तो ब्रीडिंग कराकर संख्या बढ़ाई जा सकती है।
गंगा के किनारे मिले हैं दोनों पक्षी
हिमालय या फिर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रहने वाले पक्षी जब उड़ान भतरे हैं, तो इस बात का ध्यान रखते हैं कि जमीन पर पानी कहां है। कानपुर से होकर गंगा नदी बहती है, गंगा के पानी के सहारे यह पक्षी यहां तक पहुंचे हैं। हिमालय गिद्ध और सफेद बर्फीला उल्लू भी गंगा के आसपास क्षेत्रों में मिले हैं।