कानपुर: उत्तर भारत भीषण ठंड की चपेट है। जिसका सबसे ज्यादा असर कानपुर में देखने को मिल रहा है। कानपुर में ब्रेन और हार्ट अटैक से 24घंटे में 25मौतें हो चुकी हैं। कानपुर में कोरोना काल के बाद 24 घंटे में सबसे ज्यादा मौतें ठंड की वजह से हुई है। बीते गुरुवार को 17 पेसेंट कार्डियोलॉजी की इमरजेंसी तक नहीं पहुंच पाए। उन्हें चक्कर आने के बाद बेहोश हुए और मौत हो गई। यही हाल हैलट अस्पताल का है, ब्रेन अटैक के मरीज अस्पताल पहुंचने से पहले ही एंबुलेंस में दम तोड़ रहे हैं।
अचानक ठंड पड़ने से ब्लड प्रेसर बढ़ जाता है, जिसकी वजह से नसों में खून के थक्के जम जाते हैं। जिससे ब्रेन और हार्ट अटैक पड़ रहा है। इस स्थिति में कई मरीजों के ब्रेन की नस फट जाती है। वहीं कई मरीजों की नसों में खून के थक्के जमने से लकवा मार जाता है। कार्डियोलॉजी कंट्रोल रूम के मुताबिक गुरुवार को 723 हार्ट पेसेंट आए थे। जिसमें से 41 मरीजों की स्थति गंभीर थी, उन्हें भर्ती कर लिया गया। ठंड लगने की वजह से इलाज करा रहे 7 हार्ट पेसेंट की मौत हो गई।
भीषण ठंड के बीच ब्रॉट डेड की हालत में इमरजेंसी में लाया गया। जांच में इनकी ईजीसी रिपोर्ट फ्लैट आई, जिन्हे मृत घोषित कर दिया गया। कार्डियोलॉजी के निदेशक प्रफेसर विनय कृष्णा के मुताबिक इस ठंड से बचाव करने की जरूरत है। यदि हार्ट से संबंधित कोई समस्या है तो समय रहते अस्पताल पहुंचे। वहीं ब्रेन अटैक से जाजमऊ निवासी राजकिशोर, विनोद और विकास की मौत हो गई।
जनवरी के बीते पांच दिनों में मौत का अकड़ा
जनवरी महीने की शुरुआत होते ही सर्दी जानलेवा हो गई। एक जनवरी को हार्ट अटैक से दो मौत और ब्रेन अटैक से एक मौत हुई थी। 2 जनवरी को हार्ट अटैक से 11 और ब्रेन अटैक से दो मौतें हुईं थी। 3 जनवरी को हार्ट अटैक से 10 और ब्रेन अटैक से 3 मौतें हुईं थी। 4 जनवरी को हार्ट अटैक से 11 और ब्रेन अटैक से 4 मौते हुईं थी। 5 जनवरी को हार्ट अटैक से 22 और ब्रेन अटैक से 3 मौते हुईं थी।