अस्तित्व डेस्क। भारत में मुगल सम्राज्य की शुरुआत बाबर से हुई थी। इसके बाद कई शासकों ने देश में राज किया। उस वक्त मुगल शासक कई-कई शादियां करते थे। कोई नौ तो किसी के पास 300 सौ से ज्यदा बेगम थीं। अकबर को अन्य मुगल सम्राटों से श्रेष्ठ माना जाता था। यह मौखिक रूप से व्यक्त किया जाता है कि अकबर की 300 पत्नियां थीं। सभी को शाही अधिकार नहीं मिले थे। इनमें से केवल 35 ऐसे थे जिनके पास ये अधिकार थे। इनमें से सबसे प्रसिद्ध उनकी पत्नी जोधा बाई थीं। उन्हें मरियम-उज़-ज़मानी के रूप में भी जाना जाता है।
बाबर पहला मुगल शासक
मुगल साम्राज्य का दौर लगभग सन 1526 से 1707 तक रहा, जिसकी स्थापना बाबर ने पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहिम लोदी को हराकर की थी। इसके बाद हुमायूं, अकबर, जहांगीर, शाहजहां आदि के बाद अंतिम मुगल शासक औरंगजेब था, जिन्होंने अपने शासन के दौरान समाज का निर्माण किया था। हालांकि, कई इतिहासकारों का मानना है कि सन 1707 से लेकर सन 1857 तक मुगल साम्राज्य अपने पतन यानि विघटन दौर से गुजर रहा था।
कौन था मुगल बादशाह अकबर
अकबर मुगल साम्राज्य का सबसे महान बादशाह था। जिसका जन्म 15 अक्टूबर 1542 को सिंध के राजपूत किले, अमरकोट में हुआ था। अकबर का पूरा नाम जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अकबर मुगल साम्राज्य का तीसरा बादशाह था, जिसने अपने शासनकाल में कई ऐतिहासिक और सांस्कृतिक कार्य करवाए थे। हिन्दुस्तान पर अकबर ने कई सालों तक शासन किया था। इस दौरान अकबर ने कई शादियां भी कीं। अकबर की पहली बेगम यानि पत्नी रुकैया सुल्तान बेगम थीं। हालांकि, रुकैया सुल्तान भी एक मुगल राजकुमारी थीं। इन्होंने अकबर से 9 साल की उम्र में मंगनी कर ली थी और 14 साल की उम्र में अकबर से निकाह कर लिया था।
बाबर की थीं नौ पत्नियां
मुगल साम्राज्य में कई पत्नियां रखने का रिवाज था। बाबर के साथ भी ऐसा ही था। उनकी नौ पत्नियां थीं। इनमें आयशा सुल्तान बेगम, जनरल सुल्तान बेगम, मासूम सुल्तान बेगम, बीबी मुबारका, महम बेगम, दिलदार बेगम, गुलरुख बेगम, गुलनार आगा बेगम और रायख बेगम शामिल हैं। वहीं, बहादुर जफर शाह की कई पत्नियां थीं। मुगल साम्राज्य के दूसरे सम्राट हुमायूं ने इस मामले में पिता बाबर के नक्शेकदम पर चलते हुए कई पत्नियां रखीं। कम उम्र में ही उन्हें बेगा बेगम से मिलवा दिया गया था। इसके बाद उनके हरम में शाद बीबी, चांद बीबी, महचक बेगम, मायवा जान, शाहनाम आगा, गुलबर्ग बरलास और गुंवर बीबी की एंट्री हुई।
शाहजहां ने भी की कई शादियां
शाहजहाँ और अर्जुमंद बानो बेगम (मुमताज़ महल) ने 1607 में सगाई कर ली। उस दौर में ज्योतिषियों की भविष्यवाणी के कारण, दोनों को जासूसी करने के लिए 1612 तक इंतजार करना पड़ा। मुमताज़ से उनकी दोस्ती में पांच साल की देरी हुई। 1612 तक मुमताज़ को अपनी पत्नी को स्थगित करने के लिए निषेधात्मक रूप से अधिकृत होने के बाद, उन्होंने अपनी पहली फ़ारसी राजकुमारी, कंधारी बेगम की जासूसी की। शाहजहां ने दो और महिलाओं, अकबराबादी महल (इज़्ज़ उन-निसा बेगम) और मुटी बेगम की भी जासूसी की, लेकिन मौखिक रूप से यह व्यक्त किया जाता है कि यह राजनीतिक कारणों से किया गया था।
औरंगजेब को हीरा बाई से हुआ था प्यार
1637 में, औरंगज़ेब ने सफ़विद राजकुमारी दिलरस बानो की जासूसी की, जिसे राबिया-उद-दौरानी के रूप में भी जाना जाता था। वह औरंगजेब की पसंदीदा और पहली पत्नी थी। एक समय था जब औरंगजेब को हीरा बाई नाम की एक बचकानी नौकरानी से प्यार हो गया था, लेकिन उसकी अचानक मौत से दुखी था। रहमत अल-निसा के नाम से जानी जाने वाली नवाब बाई ने 1638 में औरंगजेब की मदद की।आजम शाह औरंगजेब का सबसे बड़ा पुत्र था। आजम अपने चचेरे भाई के परिवार की एक लड़की को गोद लेने वाला था।
अंतिम मुगलशासक ने की थीं चार शादियां
बहादुर शाह द्वितीय मुगल साम्राज्य के अंतिम सम्राट थे। जिसे इतिहास में बहादुर शाह जफर के नाम से जाना जाता है। उन्होंने 1837 से 1857 तक शासन किया। बहादुर शाह जफर की चार पत्नियां और कई रखैलें थीं। 1840 में, बहादुर शाह जफर ने अपनी पहली पत्नी जीनत महल की जासूसी की। इसके अलावा मुगलशासकों के मंत्रियों और सेना के जवानों की की कई-कई पत्नियां थीं। इतिहास के पन्नों में भी उनके नाम दर्ज हैं। मुगल शासकों के मंत्रियों ने तो हिन्दू युवतियों से जबरन शादी की और कईयों को अपनी रखैल बनाकर रखा।